क्या होता है टिनिटस ? किसी एक या दोनो कानों में किसी प्रकार के शोर का अनुभव जैसे कि (पी .. की आवाज, हवा की सनसनाहट, या अन्य किसी प्रकार की ध्वनि का देना टिनिटस कहलाता है। टिनिटस होने पर आप जो आवाज सुनते हैं वह किसी बाहरी शोर की वजह से नहीं होती और न ही कोई दूसरा व्यक्ति उस शोर को सुन सकता है।
टिनिटस आज विश्व के समक्ष एक गंभीर चुनौती के रूप में उभर रहा है। अमेरिका की लगभग 32 प्रतिशत जनसंख्या को इसने अपने चपेट में लिया है । यह रोग मनुष्य की सुनने की क्षमता में लगभग 70 से 90 प्रतिशत तक कमी कर देता है।
भारत में यह रोग लगभग 15% से 20% लोगों में दिखता है, विशेष रूप से वृद्ध वयस्कों में यह आम है। भारत के लिए यह ज्यादा गंभीर इस लिए है क्योंकि यहाँ इस बीमारी का ठोस उपचार नहीं है, और इस बीमारी का उपचार या रोकथाम कैसे करना है यह भी भारतीय चिकित्सकों को नहीं पता है।
भारत के डाक्टरों के पास इस रोग के उत्पन्न होने के मूल कारणों की भी जानकारी नहीं है। यहाँ के चिकित्सक टिनिटस का उपचार प्रायः एक थेरेपी के माध्यम से करतें हैं जिसमें आपके ध्यान को वातावरण में होने वाली ध्वनियों की ओर अभिकेंद्रित किया जाता है।
टिनिटस आमतौर पर कुछ आंतरिक स्थितियों के कारण होता है, जैसे कि उम्र की वजह से सुनने में कमी, कान की चोट या संचार प्रणाली की समस्या आदि।
लक्षण
टिनिटस को अक्सर कानों में कई तरह के बजने वाले ध्वनि के रूप में जाना जाता है, भले ही कोई बाहरी ध्वनि मौजूद न हो। हालाँकि, टिनिटस आपके कानों में अन्य प्रकार के शोर भी पैदा कर सकता है, जैसे – गूंज, गर्जना आदि|
टिनिटस वाले अधिकांश लोगों में व्यक्तिगत टिनिटस होता है जिसे केवल आप ही सुन सकते हैं। टिनिटस का शोर कम ध्वनि से लेकर अधिकतम ध्वनि तक हो सकता है, और आप इसे किसी भी एक या दोनों कानों में सुन सकते हैं।
कुछ मामलों में, ध्वनि इतनी तेज हो सकती है कि यह बाहरी ध्वनि को सुनने में आपकी क्षमता को कम कर देती है।
टिनिटस हर समय उपस्थित हो सकता है, या फिर यह आ और जा सकता है।
कुछ मामलों में, टिनिटस एक लगातार कंपन होने वाली ध्वनि के रूप में हो सकता है, जैसे – यह आपके दिल की धड़कन के साथ घटता बढ़ता है। इसे पल्सेटाइल टिनिटस कहा जाता है। यदि आपको पल्सेटाइल टिनिटस होता है, तो आपका डॉक्टर एक टेस्ट करता है जिसे ऑब्जेक्टिव टिनिटस टेस्ट कहते है, इस टेस्ट के माध्यम से आपका डॉक्टर उस आवाज को सुन सकता है।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए ?
कुछ लोग टिनिटस से बहुत परेशान नहीं होते हैं, किंतु कुछ लोग इससे बहुत परेशान हो जाते हैं जिसके वजह से उनकी समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जाती है, इससे उनकी दैनिक जीवन की कार्य क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और अनेक समस्यायों का भी सामना करना पड़ता है। यदि आपको टिनिटस रोग है, तो अपने डॉक्टर को जल्द से जल्द दिखाएं|
अपने डॉक्टर को दिखाने के लिए अपॉइंटमेंट लें यदि
- यदि आपका जुकाम 1 सप्ताह के बाद भी यह ठीक नहीं हो रहा हो तो टिनिटस के कारण आपके श्वसन तंत्र में संक्रमण से हो सकता है ।
- यदि आपको टिनिटस की वजह से सुनने में कमी या चक्कर आने की समस्या हो रही हो तो जितनी जल्दी हो सके अपने डॉक्टर से मिलें ।
- अगर आप टिनिटस की वजह से डिप्रेशन या चिंता का अनुभव करते हैं ।
कारण
आपके शरीर में किसी प्रकार की स्वास्थ समस्या, टिनिटस का कारण बन सकती हैं। कई मामलों में, इस रोग की सटीक वजह नहीं मिलती किन्तु कई लोगों में यह निम्नलिखित सामान्य कारणों से हो सकता है ।
1. बहरापन
आपके आंतरिक कान (कोक्लीअ) में छोटे, नाजुक बाल कोशिकाएं होती हैं जो तब चलती हैं जब आपके कान में ध्वनि तरंगें आती हैं। यह सूचना आपके कान से आपके मस्तिष्क (श्रवण तंत्रिका) तक तंत्रिका के साथ विद्युत संकेतों को टारगेट करता है। आपका मस्तिष्क इन संकेतों को ध्वनि के रूप में व्याख्या करता है।
यदि आपके आंतरिक कान के अंदर के बाल मुड़े हुए या टूटे हुए हैं – सामान्यतः यह आपकी उम्र की वजह से होता है या जब आप लगातार तेज आवाज के संपर्क में आते हैं – तो वे आपके मस्तिष्क में यादृच्छिक विद्युत आवेगों को “रिसाव” बढ़ जाता है, जिससे आपको टिनिटस हो सकता है।
2. कान में संक्रमण या कान की नलिकाओं में रुकावट
आपके कान की नलिकाएं, तरल पदार्थ (कान का संक्रमण), ईयरवैक्स, गंदगी या अन्य बाहरी सामग्री के निर्माण से, अवरुद्ध हो सकती हैं। यह रुकावट आपके कान में दबाव को परिमाण को बदल देती है, जिससे टिनिटस हो सकता है।
3. सिर या गर्दन में चोट
सिर या गर्दन का आघात आंतरिक कान की “श्रवण नसों” या इससे जुड़े मस्तिष्क के कार्य को प्रभावित कर सकता है। इस तरह की चोटें आमतौर पर केवल एक कान में टिनिटस का कारण बनती हैं।
5. दवाएं
कई दवाएं टिनिटस का कारण बन सकती हैं – जैसे क्लोरोक्वीन, साइप्रोफ्लाक्ससीन इत्यादि, आमतौर पर, इन दवाओं की खुराक जितनी अधिक होती है, टिनिटस के रोगी की हालत उतनी ही खराब हो जाती है। जब आप इन दवाओं का उपयोग बंद कर देते हैं तो कुछ मामलों में ये अवांछित ध्वनियां आपके कान से गायब हो जाती हैं लेकिन कुछ में यह समस्या स्थाई रूप से हो जाती है
इसके अतिरिक्त टिनिटस का कारण बनने वाली दवाओं में गैर – स्टेरायडल विरोधी दवाएं (एनएसएआईडी) और कुछ एंटीबायोटिक्स, कैंसर की दवाएं, पानी की गोलियां (मूत्रवर्धक), मलेरिया-रोधी दवाएं और अवसादरोधी दवाएं इत्यादि शामिल हैं।
6. किडनी रोग
किडनी के मरीजों में प्रायः शरीर के अवशिष्ट शरीर के बाहर नहीं निकल पाते जिस कारण शरीर के अनेक नरम टिशू या कोमल नसें सही रूप से कार्य नहीं कर पाती और शरीर में अनेक रोगों को जन्म देती हैं ।
इसके आलावा किडनी के मरीजों में भूंख न लगना, खाना ठीक से न पचना इत्यादि समस्याओं के कारण उनके शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की ज्यादा कमी हो जाती है जिस कारण भी अक्सर किडनी के मरीजों में शुरूआती दौर में ही टिनिटस के लक्षण (जैसे सुनने की क्षमता में कमी) सामने आने लगते हैं।
ऐसे में जरूरी ये है कि आप चिकित्सक के परामर्श से तुरंत ही अपनी किडनी की जाँच (KFT/RFT) आवश्यक रूप से करा लें।
टिनिटस के अन्य कारण
इस रोग के कुछ सामान्य कारणों में कान की अन्य समस्याएं जैसे पुरानी स्वास्थ्य स्थितियां, और चोट शामिल हैं जो आपके कान में नसों या आपके मस्तिष्क में श्रवण केंद्र को प्रभावित करती हैं।
मेनियार्स रोग
टिनिटस मेनियर रोग का प्रारंभिक संकेतक हो सकता है, यह एक आंतरिक कान का विकार है जो असामान्य आंतरिक कान द्रव दबाव के कारण हो सकता है।
यूस्टेशियन ट्यूब की शिथिलता
इस स्थिति (Eustachian Tube Dysfunction) में आपके कान में, मध्य कान (Middle Ear) को आपके ऊपरी गले से जोड़ने वाली नली (Eustachian Tube) में हर समय फैलाव रहता है, जिससे आपका कान भरा हुआ महसूस हो सकता है।
कान की हड्डी में बदलाव
आपके मध्य कान (ओटोस्क्लेरोसिस) में हड्डियों का सख्त होना आपकी सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है जो की टिनिटस का कारण बन सकती है। यह स्थिति हड्डियों में असाधारण ग्रोथ की वजह से हो सकता है|
भीतरी कान में मांसपेशियों में ऐंठन
इसमें आंतरिक कान की मांसपेशियां तनाव (ऐंठन) पैदा करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप टिनिटस, सुनने में कमी हो सकती है। यह कभी-कभी बिना किसी स्पष्ट कारण के होता है, किंतु कई मामलों में मल्टीपल स्केलेरोसिस तथा तंत्रिका संबंधी रोग भी इसकें कारण हो सकते हैं।
टेम्पोरोमैंडिबुलर जोड़ (टीएमजे) विकार
आपके सिर के चारों तरफ आपके कानों के सामने के जोड़, जहां आपका निचला जबड़ा आपकी खोपड़ी से मिलता है, यदि यहाँ (टीएमजे में) कोई समस्या है तो ये टिनिटस का कारण बन सकती है।
ध्वनिक न्यूरोमा या सिर और गर्दन के ट्यूमर
ध्वनिक न्यूरोमा एक गैर-कैंसर (सौम्य) ट्यूमर है जो कपाल तंत्रिका पर विकसित होता है और आपके मस्तिष्क से आपके आंतरिक कान तक जाता है और संतुलन और सुनने को नियंत्रित करता है। सिर, गर्दन या ब्रेन के ट्यूमर भी टिनिटस का कारण बन सकते हैं।
रक्त वाहिका विकार –
आपकी रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करने वाली स्थितियां – जैसे एथेरोस्क्लेरोसिस, उच्च रक्तचाप, या किंकड या विकृत रक्त वाहिकाएं – रक्त को आपकी नसों तथा धमनियों से अधिक बल के साथ ले जाने का कारण बन सकती हैं।
ये रक्त प्रवाह परिवर्तन टिनिटस का कारण बन सकते हैं या टिनिटस में होने वाली अवांछित ध्वनियों को और बढ़ा सकते हैं जिससे आपका ध्यान इन आवाजों की तरफ ज्यादा आकर्षित होने लगता है।
कई बार कानों की ये बढ़ी हुई आवाजें आपको परेशान कर सकती हैं खासकर जब आप किसी सूनसान जगह पर हैं ।
अन्य पुरानी स्थितियां
मधुमेह, थायराइड की समस्याएं, माइग्रेन, एनीमिया, और ऑटोइम्यून विकार जैसे रुमेटीइड गठिया और ल्यूपस के साथ-साथ सभी स्थितियां टिनिटस से जुड़ी हुई हैं।
प्रमुख कारक
यह रोग किसी भी व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन नीचे दिए हुए कुछ कारक टिनिटस के खतरे को बढ़ा सकते हैं –
उच्च ध्वनि – ज्यादा शोर वाले उपकरणों का अधिक प्रयोग करने से भी सुनने की क्षमता में कमी हो सकती है । पोर्टेबल संगीत, जैसे कि एमपी3 प्लेयर, लंबे समय तक जोर से बजाए जाने वाले यंत्र (इयर फोन, हेड फोन) की वजह से भी सुनने की क्षमता कम हो जाती है। जो लोग शोरगुल वाले वातावरण में काम करते हैं – जैसे कि कारखाने और निर्माण श्रमिक, संगीतकार और सैनिक – मुख्य रूप से जोखिम में हैं।
उम्र – जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपके कानों में काम करने वाले तंत्रिका तंतुओं की संख्या कम होती जाती है, जिससे सुनने की समस्या अक्सर टिनिटस से जुड़ी होती है।
लिंग – पुरुषों को टिनिटस का अनुभव होने की अधिक संभावना है।
तंबाकू और शराब का सेवन – धूम्रपान करने वालों में इसका खतरा अधिक होता है। शराब पीने से भी टिनिटस का खतरा बढ़ जाता है।
कुछ स्वास्थ्य समस्याएं- मोटापा, हृदय संबंधी समस्याएं, उच्च रक्तचाप, और गठिया या सिर की पुरानी चोट भी आपके टिनिटस के जोखिम को बढ़ाते हैं।
इसके प्रभाव
यह बीमारी लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करती है। ये कुछ लोगो के जीवन की गुणवत्ता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है। यदि आपको टिनिटस है, तो आप भी अनुभव कर सकते हैं:
- थकान
- तनाव
- नींद की समस्या
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
- स्मृति समस्याएं
- डिप्रेशन
- चिंता और चिड़चिड़ापन
- सिर दर्द
- काम और पारिवारिक जीवन में समस्याएं
इन जुड़ी स्थितियों का इलाज सीधे इस रोग को प्रभावित नहीं कर सकता है, लेकिन यह आपको पहले से ठीक महसूस करने में मदद कर सकता है।
रोकथाम
कई मामलों में, यह रोग ऐसी चीज का परिणाम होता है जिसे रोका नहीं जा सकता। हालांकि, कुछ सावधानियां कई बार टिनिटस को रोकने में मदद कर सकती हैं। जो की निम्नवत हैं –
श्रवण सुरक्षा का प्रयोग
समय के साथ, तेज आवाज के संपर्क में आने से कानों की नसों को नुकसान हो सकता है, जिससे सुनने की क्षमता कम हो सकती है और टिनिटस हो सकता है। अपने आप को तेज आवाज से बचाने का प्रयास करें और अगर आप तेज आवाज से बच नहीं सकते हैं, तो इयर प्रोटेक्टर का उपयोग करें। यदि आप चेन आरी का उपयोग करते हैं, एक संगीतकार हैं, या ऐसे उद्योग में काम करते हैं जहाँ तेज मशीनरी का उपयोग होता है या आग्नेयास्त्रों (विशेषकर पिस्तौल, बन्दूक, बम, रोकेट या मिशाइल का परिक्षण ) का उपयोग होता है, तो हमेशा कान के ऊपर इयर प्रोटेक्टर का उपयोग करें।
ध्वनि कम करें
लंबे समय तक बिना कान की सुरक्षा वाले एम्प्लीफाइड संगीत के संपर्क में रहने या हेडफ़ोन के माध्यम से बहुत अधिक मात्रा में संगीत सुनने से श्रवण हानि और टिनिटस हो सकता है।
अपने हृदय स्वास्थ्य का ध्यान रखें
नियमित व्यायाम, सही खाने और शारीरिक गतिविधियों को बढ़ा कर मोटापे के साथ-साथ रक्त वाहिका विकारों से जुड़े टिनिटस को रोका जा सकता है।
शराब, कैफीन और निकोटीन को कम करें
इन नशीले पदार्थों के अधिक मात्रा में उपयोग किए जाने से, रक्त प्रवाह प्रभावित होता है और टिनिटस बढ़ने का खतरा हो सकता है।