Covid 19 की वजह से दिन प्रतिदिन बढ़ती बेरोजगारी और आर्थिक कमजोरी आमजन की मुख्य समस्या हो गई है। मध्य प्रदेश सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए एक कदम बढाते हुए, ” देवारण्य योजना 2021” की शुरुआत की है।
देवारण्य योजना क्या है?
देवारण्य योजना के अंतर्गत सरकार का मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद के माध्यम से लोगो के जीवन को स्वस्थ बनाना और साथ ही साथ रोजगार का एक माध्यम भी उपलब्ध कराना है।
इस योजना के तहत आदिवासी एवं जनजातीय क्षेत्रों में औषधीय और सुगंधित पौधो की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके साथ, उनसे जुड़े हुए उद्योग, उनका भंडारण, प्रसंस्करण जैसे काम भी उसी क्षेत्र में किए जाएंगे।
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इन कामों में क्षेत्र के अंतर्गत उपस्थित स्वयं सहायता समूहों की भी मदद ली जाएगी जिससे समूहों का सशक्तिकरण भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।
देवारण्य योजना का उद्देश्य
देवारण्य योजना का मुख्य उद्देश्य जंगलों की औषधियों को आदिवासियों और जनजाति समाज के लोगो की मदद से आम जन तक पहुंचाकर स्वास्थ्य लाभ कमाना है। साथ ही साथ आदिवासी और जनजातीय समाज को रोजगार के नए आयाम देना है।
मध्य प्रदेश में आयुष को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने देवारण्य योजना बनाई है। इस योजना से प्रदेश में रोजगार बढ़ने के काफी असार हैं।
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यह योजना राज्य में आदिवासी जिलों की जनसंख्या को रोजगार से जोड़ने और उन्हें सतत् विकास की मुख्य धारा में लाने की कोशिश में एक महत्वपूर्ण कदम है।
देवारण्य योजना कब लॉन्च हुई
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 26 जुलाई 2021 को देवारण्य योजना का शुभारंभ किया।
इस योजना का कार्यान्वयन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड को साथ लेकर आयुष विभाग द्वारा किया जायेगा।
श्री चौहान ने योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि ” योजना का मुख्य उद्देश्य मध्यप्रदेश में उपस्थित औषधीय पौधों की महत्ता बढ़ाना है। साथ ही उस काम में लगे लोगो के जीवन स्तर को सुधारने के लिए रोजगारोन्मुखी अवसर विकसित करना है।”
देवारण्य योजना के लाभ
इस योजना से लाभ की बात करे तो, इस योजना से समाज के हर वर्ग को लाभ देने की पुरजोर कोशिश की गई है।
मुख्यमंत्री द्वारा आरंभ की गई इस योजना से जन्हा एक और जंगल के औषधीय खजाने तक आमजन की पहुंच सुनिश्चित होगी, वही दूसरी ओर जनजातीय आदिवासी लोगो के लिए रोजगार के नए आयाम खुलेंगे।
इस योजना से प्रदेश में क्षेत्रीय विकास को जोर मिलेगा, देवारण्य योजना के जरिये मध्य प्रदेश में औषधीय दवाइयों के उत्पादन के हेतु संपूर्ण श्रृंखला को विकसित किया जायेगा।
योजना अंतर्गत आदिवासी एवं जनजातीय क्षेत्रों में औषधीय और सुगंधित पौधो की खेती के साथ, उनसे जुड़े हुए उद्योग, उनका भंडारण, प्रसंस्करण आदि काम उसी क्षेत्र में किए जाएंगे।
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इसके अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों की भी मदद ली जाती जाएगी जिससे समूहों का सशक्तिकरण भी किया जा सकेगा।
इस कार्य में सरकार का साथ देने के लिए विभिन्न स्वयं सहायता समूह और विभिन्न संबंधित मंत्रालय मिशन मोड पर काम करेंगे।
देवारण्य योजना के लिए पात्रता
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक को निम्न शर्तो का पालन करना होगा –
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- आवेदक मध्यप्रदेश का स्थाई निवासी होना चाहिए।
- आवेदक केवल आदिवासी या जनजातीय वर्ग का होना चाहिए।
- स्वयं सहायता समूह का सदस्य होना चाहिए।
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