World Malaria Day - विश्व मलेरिया दिवस

World Malaria Day | विश्व मलेरिया दिवस

World Malaria Day | विश्व मलेरिया दिवस: भुवनेश्वर में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की वैश्विक थीम, ‘मलेरिया को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग‘ पर 25 अप्रैल को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) के उपलक्ष्य में, मलेरिया नो मोर इंडिया ने ओडिशा सरकार के सहयोग से ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम आयोजित किया।

इस इवेंट की थीम, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अभियान के अनुरूप, ‘harnessing innovation to reduce malaria and save lives‘ थी।

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कार्यक्रम में वर्तमान संभावित प्रगति और नवीन दृष्टिकोणों के बारे में चर्चा की गई जो मलेरिया उन्मूलन प्रयास को मजबूत कर सकती हैं।

विश्व मलेरिया दिवस का इतिहास
अफ्रीका में प्रत्येक वर्ष मलेरिया की वजह से लाखो लोगों की जान जाती थी, इसलिए जागरूकता फ़ैलाने के लिए वहां प्रत्येक साल अफ्रीका मलेरिया दिवस मनाया जाता था। कार्यक्रम की सफलता से प्रभावित विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने साल 2007 में विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र में इसे विश्व मलेरिया दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा, इसके बाद से ही वर्ष 2008 से यह हर साल 25 अप्रैल को पूरे विश्व में विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाने लगा।

विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) पर आयोजित कार्यक्रम में, ओडिशा सरकार के सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक निरंजन मिश्रा ने इस कार्यक्रम को संबोधित किया।

सहयोगात्मक प्रयासों और नवोन्मेषी दृष्टिकोणों की आवश्यकता पर जोर देते हुए मिश्रा ने कहा, “हम सभी के लिए मलेरिया नो मोर इंडिया और विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) दोनों को संयुक्त रूप से मनाने का एक आज एक ऐतिहासिक दिन है, जिसकी इस उन्मूलन अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

विश्व मलेरिया दिवस 2022 की थीम
इस साल 2022 में मलेरिया की थीम – ‘मलेरिया रोग के प्रकोप को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग’ (harnessing innovation to reduce malaria and save lives) रखी गई थी।

हमारे सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों के निरंतर प्रयासों के साथ, हमने 2021 में अपने मलेरिया के प्रकरणों को केवल 25,503 मामलों तक कम कर दिया है।

वर्तमान में, हम ओडिशा के उच्च केस लोड जिलों पर गहन दृष्टिकोण के साथ ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और सीएचसी, उपकेंद्रों और दुर्गम गांवों को लक्षित कर रहे हैं।

जमीनी स्तर पर नवाचार और प्रौद्योगिकी के साथ और सामुदायिक जुड़ाव के माध्यम से मलेरिया मुक्त ओडिशा के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मलेरिया एक्शन गठबंधन के माध्यम से सभी भागीदारों की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता है, जो अंतिम मील कनेक्शन के साथ आवश्यकता-आधारित हस्तक्षेपों को तेज करेगी। ”

मलेरिया कैसे फैसला है?
इंसानों में मलेरिया प्लाजमोडियम वाईवेक्स नामक वायरस से होता है, मादा एनाफिलीज मच्छर इस वाइरस का वाहक है, जब यह मच्छर किसी व्यक्ति को काट लेता है तो वह व्यक्ति संक्रमित हो जाता है और उसे मलेरिया हो जाता है।

इस कार्यक्रम में राज्य सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग में विशेष सचिव (सार्वजनिक स्वास्थ्य) सहित ओडिशा सरकार के अन्य उच्च-स्तरीय गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया; ओडिशा राज्य चिकित्सा निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक; मिशन निदेशक, एनएचएम, ओडिशा सरकार; और अतिरिक्त मुख्य सचिव, ओडिशा के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग इत्यादि भी शामिल रहे।

ओडिशा के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री नबा किशोर दास ने एनवीबीडीसीपी ओडिशा की वार्षिक रिपोर्ट और मलेरिया नो मोर इंडिया द्वारा बनाए गए ‘फंडामेंटल्स ऑफ फील्ड सुपरविजन‘ पर एक हैंडआउट भी जारी किया।

मलेरिया के लक्षण क्या हैं?
मलेरिया के लक्षणों में बुखार और फ्लू जैसी बीमारी, जिसमें ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान इत्यादि शामिल है। मतली, उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं। लाल रक्त कोशिकाओं के नुकसान के कारण मलेरिया से एनीमिया और पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला रंग) भी हो सकता है।

अपने भाषण के दौरान ओडिशा में मलेरिया उन्मूलन की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए हुए उन्होंने कहा कि – “ओडिशा ने केंद्रित और निरंतर दृष्टिकोण के साथ मलेरिया से लड़ने में आगे कदम बढ़ाया है और वर्ष 2021 में कोविड और अन्य चुनौतियों के बीच 2016 में 4,44,842 मामलों की तुलना में इस बार मामलों को 25,503 तक कम कर दिया है। ओडिशा सरकार के लिए डब्ल्यूएचओ और अन्य एजेंसियों की सराहना और भी उत्साहजनक है और मुझे आशा और विश्वास है कि ओडिशा सभी हितधारकों और साझेदारों के समर्थन के साथ जल्द ही लक्ष्य हासिल करने जा रहा है।”

मलेरिया से कैसे बचें?
आपके घर के आस-पास एक हफ्ते से ज्यादा समय तक पानी इकठ्ठा न रहने दें, रात में मच्छरदानी लगाकर सोयें, शाम के समय फुल कपड़े पहने, घरो के आसपास समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करें, और यदि आपको मलेरिया हो गया है तो समय पर दावा खाएं और बिना डॉक्टर के सलाह दवाई बंद न करें।

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