लिली फूल (Lily flower) की उत्पत्ति उत्तरी अमेरिका से मानी जाती है और इनकी प्रजातियां विश्व भर में पाई जाती है। लिली का फूल बहुत ही सुंदर व आकर्षक होता है।
वैसे तो लिली फूल (Lilium) कई रंगों मे पाया जाता है किन्तु – लाल, सफेद, गुलाबी और पीला इसके प्रमुख रंग हैं। सामान्यतः इस फूल को लोग अपने घरों व गार्डन में सुंदरता व स्वच्छ वातावरण के लिए लगाते हैं।
लिली फूल के बारे में
Lily flower को कुमुदिनी और कुमुद नाम से भी जाना जाता है। लिली के फूल का उपयोग आयुर्वेदिक औषधि बनाने में किया जाता है।
लिली का फूल बांग्लादेश का राष्ट्रीय पुष्प है, इसे शांति का प्रतीक माना जाता है। यह फूल सर्दियों के मौसम में खिलता है और अपनी छटाएं बिखेरता है।
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लिली का मतलब
- कुमुदिनी
- कुमुद
- लिली
- कमलिनी
- नरगिस
- नलिनी
- सोसन
- मनहरण
लिली के पौधे की प्रजातियां
लिली का फूल खूबसूरत और खुशबूदार होता है। इस पौधे की कई प्रजातियां दुनिया भर में पायी जाती है।
लिली का फूल लागाने से यह आपके बगीचे और घरों की शोभा बढ़ा देता है। इसके पौधे कठोर, अर्थ कठोर तथा कनदिस चाक होते हैं। लिली के कृपाकार फूल अपनी सुंदरता, सुघंदता एवं आकृति के कारण पूरे विश्व में विख्यात है।
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लिली के फूलों की पंखुड़ियां बाहर की ओर मुड़ी रहती हैं और इसमें भूरी व गुलाबी वर्ण रेखाये रहती होती हैं एवं अंदर की ओर श्वेत आभाये रहती है। इसका तना कई फुट ऊंचा होता है। Lily flowers को कई नामों से जाना जाता है जैसे – टाइगर लिली, मैनडोर लिली, चिनी लिली, जापानी लिली, श्वेत एस्टर लिली, प्याज, लहसुन एवं शतावरी इत्यादि।
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इसके अलावा भी बहुत से पौधे लिली प्रजाति के न होने के बाबजूद भी इन्हें लिली का ही फूल कहा जाता है जैसे – वाटर लिली, वैली इत्यादि।
लिली फूल के बारे में जानकारी
लिली का फूल मनमोहक और खुशबूदार होता है इसलिए लोग इसे अपने बगीचे में लगाना पसंद करते हैं। इसकी दुनिया में बहुत सी प्रजातियां पाई जाती है।
हर एक प्रजाति का फूल अगल – अलग होता है ज्यादातर ये सफेद, गुलाबी, लाल, पीले और नारंगी रंग में मिलते हैं।
इनकी मुख्य प्रजातियों में – टाइगर लिली, सफेद लिली, एवं एस्टर लिली इत्यादि हैं।
वैसे तो लिली का फूल पृथ्वी के सभी हिस्सों में पाया जाता है, लेकिन ज्यादातर यह भारत, अमेरिका, जापान, और कनाडा देशों में उगाया जाता है।
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यूरोप महाद्वीप के लोग लिली के फूल को अपने बगीचे में खासकर ऐसे लगाते हैं कि बगीचा की शोभा बढ़े और घर की सजावट भी सुंदरता दिखाई दे।
टाइगर लिली प्रजाति के फूल का रंग पीला होता है इस फूल के ऊपर जगह-जगह पर काले धब्बे होते हैं जिस तरह टाइगर के ऊपर होते हैं इसी कारण इस फूल को टाइगर लिली नाम से जाना जाता है।
इन फूलों को बल्ब के द्वारा उगाया जाता है। इसके बल्ब को जमीन में तीन-चार इंच की गहराई में लगाया जाता है। कुछ जगह पर बीज के द्वारा भी उगाया जाता है।
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लिली के पौधे की लंबाई 6 फीट तक हो सकती है लेकिन कुछ प्रजाति के पौधे दो फिट से ज्यादा बड़े नहीं होते हैं।
इसके पौधे की पत्तियां हरे रंग की होती है जिसका आकार संकरा और लंबा होता है।
लिली के फूल के चारों ओर छोटी – छोटी 6 पंखुड़िया निकली होती है। इसके प्रत्येक फूल से रस निकलता है, इस रस को नेफ्टर कहते हैं। इस रस के कारण बहुत से कीड़े इनकी ओर आकर्षित होते हैं। लिली की कुछ प्रजातियां ऐसी होती है जो हवा के द्वारा परागण करती हैं।
प्रत्येक फूल और उसकी प्रजाति का कुछ खास प्रतीक होता है जैसे –
- टाइगर लिली को धन और संपत्ति का प्रतीक माना जाता है।
- सफेद लिली को पवित्रता और साध्वी का प्रतीक माना जाता है।
Lily ke phool से तेल भी निकाला जाता है जिसका इस्तेमाल शरीर की त्वचा को मुलायम और कोमल बनाने के लिए किया जाता है।
लिली के फूल का महत्व
जापान के लोग सफेद लिली के फूल को GOOD LOCK का प्रतीक मानते हैं इसलिए जापान के लोग Wish करने के लिए एक – दूसरे को लिली का फूल देते हैं। जापान में विवाह-शादियों इत्यादि समारोह में इन फूलों से सजावट की जाती है।
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लिली के प्रजातियों में सफेद लिली एवं टाइगर लिली के फूल सुगंधित होते और किसी अन्य प्रजाति के रंग बिरंगे फूल में सुगंध नहीं होती है।
लिली के फूल किस ऋतु में खिलते हैं?
लिली के फूल वसंत ऋतु में खिलते हैं और ठंड के मौसम में मुरझा जाते हैं। लिली के पौधे से बिल्ली को दूर रखना चाहिए क्योंकि इसके अंदर कुछ ऐसे टॉक्सिन होते हैं जो बिल्ली के लिए जहर के समान होते हैं हलाँकि मनुष्यों के लिए ये सुरक्षित होते हैं।
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लिली के पौधे की आयु लगभग 2 साल के आसपास होती है, इसके बाद फूल आने बंद हो जाते है। लिली के पौधे लगाने से घर में खुशियां आती है और घर का वातावरण स्वच्छ रहता है।
लिली का पौधा कैसे लगाएं?
लिली के पौधे की बहुत सी प्रजातियां है। लिली के पौधे को बीजों के द्वारा भी उगाया जा सकता है, पर बीजों के द्वारा उगाने से फूल आने में काफी समय लगता है बेहतर है कि लिली को बल्ब के द्वारा उगाया जाए।
लिली के पौधे को लगाने के लिए 60% गार्डन की मिट्टी, 20% बालू और 20% वर्मी कंपोस्ट साथ में बोनबिटा भी मिला सकते हैं जो पौधे में फास्फोरस की कमी को पूरा करता है।
सभी को एक जगह मिलाकर गमले में भर ले। अब गमले में आधी मिट्टी भरकर ऊपर से बल्ब को लगा दे। इसके बाद बल्ब के ऊपर मिट्टी से ढक दें ताकि जब उसके ऊपर फूल आए तो वह ठीक से खड़ा रह सकें।
अब गमले में पानी भरकर ऐसी जगह पर रख दे जहां पर हल्की धूप आती है। कुछ दिनों बाद लिली के गमले को सीधा धूप में रख सकते हैं।
जब पौधा बड़ा होने लगे तो उसको किसी लकड़ी से सहारा देते है ताकि ज्यादा फूल आने पर पेड़ मुड़ न जाए।
संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्न
- प्रश्न – 1 लिली फ्लावर को हिंदी में क्या कहते हैं?
- उत्तर – लिली फ्लावर को हिंदी में कुमुदिनी और कुमुद कहते हैं।
- प्रश्न – 2 लिली का फूल किस देश का राष्ट्रीय पुष्प है?
- उत्तर – लिली का फूल बांग्लादेश का राष्ट्रीय फूल है।
- प्रश्न – 3 लिली के फूल से निकलने वाले रस का नाम क्या है?
- उत्तर – इसका नाम “नेफ्टर” है।
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