MP Test full form: एमपी टेस्ट एक ऐसा टेस्ट है, जिसकी मदद से डॉक्टर मरीज के रक्त में उपस्थित मलेरिया के रोगवाहक जीवाणुओं की पहचान करता है। जैसा की नाम से ही स्पष्ट है – इस टेस्ट का उपयोग मलेरिया परीक्षण / मलेरिया रोग की जाँच करने के लिए किया जाता है।
एमपी टेस्ट (MP Test) को मलेरिया टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है। इस टेस्ट की सहायता से रोगी व्यक्ति के शरीर में मलेरिया के रोगवाहक जीवाणु प्लाज्मोडियम परजीवी (Plasmodium Parasite) की उपस्थिति का पता लगाया जाता हैै।
आइए इस मलेरिया रोग और इसकी पहचान करने के लिए किए जाने वाले MP TEST के बारे मे विस्तार से समझते हैं ।
मलेरिया क्या है (What is Malaria)?
मलेरिया, मनुष्यों में फैलने वाला एक रोग है, जो मादा एनाफिलीज (Anopheles) नामक मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैल जाता है।
मादा एनोफलीज मच्छर जब किसी व्यक्ति को काटती है, तो उस व्यक्ति के शरीर में जीवाणु (परजीवी) प्रवेश कर जाता है और रक्त कोशिकाओं को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। ये जीवाणु सामान्यतः पांच प्रकार के होते है, किंतु इनकी दो प्रमुख प्रजातियां होती है जो मनुष्य को बीमार करती हैं।
इन दो प्रमुख प्रजातियों के कारण ही मलेरिया बीमारी होती है
- फाल्सीपेरम (Falciparum Malaria)
- प्लाजमोडियम वाईवेक्स (Plasmodium vivax)
मलेरिया के लक्षण (Symptoms of Malaria)
परजीवी (Parasite) एक प्रकार का जीवाणु (Bacteria) है। जैसे ही मादा एनाफिलीज मनुष्य को काटता है, ये जीवाणु मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और मलेरिया का संक्रमण फैला देते हैं।
अन्य शब्दों में – मलेरिया का संक्रमण मादा एनाफिलिज मच्छरों के काटने से फैलता है। जब किसी व्यक्ति को संक्रमित मादा मच्छर काट लेते हैं, तो परजीवी उस मनुष्य के लीवर में बहुत अधिक मात्रा में स्थापित हो जाते हैं और लाल रक्त कणिकाओं (Red blood cells) को संक्रमित कर उसे नष्ट करने लगते हैं, इसलिए यदि रोगी को सही समय पर उपचार न मिले तो मरीज की जान तक जा सकती है।
मलेरिया काफी घातक बीमारी है, इसमें मरीज को जितनी जल्दी उपचार मिल जाए, उतना ही खतरा कम हो जाता है। नीचे लिखे कोई भी प्रारंभिक लक्षण दिखें तो मरीज को तुरंत डाक्टर के पास दिखाना चाहिए।
मलेरिया के निम्नलिखित लक्षण हैं –
- अत्यधिक तेज बुखार आना
- ठंड लगना
- सांस का फूलना
- सिर दर्द करना
- चक्कर आना
- फ्लू जैसी बीमारी से काफी परेशान होना
अधिकतर लोगों को संक्रमण होने के 12 दिन या 4 सप्ताह तक में मलेरिया बीमारी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
MP Test क्या है (What is MP Test)?
सामान्य तौर पर उपरी लक्षणों के साथ ही मलेरिया बीमारी की पुष्टि की जा सकती है किन्तु इसेके बाबजूद, रोगी को मलेरिया की दावा देने से पूर्व प्रयोगशाला में उसके खून की जाँच कर बीमारी की पुष्टि करना आवश्यक होता है। एमपी टेस्ट एक ऐसा ही परीक्षण है जिसके माध्यम रोगी के खून में मलेरिया परजीवी तथा उनके घटकों की पहचान की जाती है।
एमपी टेस्ट फुल फॉर्म (MP Test full form)
एमपी टेस्ट का फुल फॉर्म – मलेरिया पैरासाइट टेस्ट है। इसे सामान्य भाषा में केवल “मलेरिया जाँच” (Malaria Test) के नाम से भी जाना जाता है।
The full form of MP Test is – ‘Malarial Parasite Test’. In common practice, the term “Malaria Test” is often used to refer the MP Test.
एमपी टेस्ट हिंदी फुल फॉर्म (MP Test full form in Hindi)
अगर बात करें हिंदी भाषा की तो, एमपी टेस्ट का हिंदी में पूरा नाम (फुल फॉर्म) – “मलेरिया परजीवी जाँच” है। यह MP test के फूलफॉर्म का हिंदी रूपांतरण है। The full form of the MP Test in Hindi is – “Malaria Parjivi Janch”. This is the translated version of the original term – “MP Test”.
मलेरिया / एमपी परीक्षण खोज (MP Test full form, discovery and more)
एमपी जाँच (मलेरिया परीक्षण) के हिंदी में फुल फॉर्म (MP Test full form in Hindi) ऊपर बता दिया गया है, आइये अब इस परीक्षण के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को भी जान लेते हैं –
MP Test full form | Malarial Parasite Test |
हिंदी में फुल फॉर्म | मलेरिया परजीवी जाँच / परीक्षण |
कौन सी बीमारी की जाँच करता है | मलेरिया की जाँच |
किस सिद्धांत पर कार्य करता है | इम्यूनोक्रोमैटोग्राफिक |
कब खोज की गई | वर्ष 1880 में |
वैज्ञानिक नाम | डॉ. अल्फोन्से लावेरन |
वैज्ञानिक राष्ट्रीयता | फ़्रांसिसी (पेरिस) |
मलेरिया परीक्षण कैसे करते हैं? (After knowing MP Test full form lets know how it works)
MP test करने के लिए निम्नलिखित दो प्रकार के परीक्षण का प्रयोग किया जाता है –
- पतली फिल्म – (Thin films)
- मोटी फिल्म – (Thick films)
1. Thin films – पतली फिल्म, ब्लड फिल्म के समान होती हैं, और यह प्रजातियों की पहचान करने में मदद करती हैं। इसमें परजीवी की उपस्थिति का पता बहुत ही आसानी से लगाया जा सकता हैै।
2. Thick films – पतली ब्लड फिल्म की तुलना में यह कई गुना ज्यादा संवेदनशील होती हैं। मोटी फिल्म से जांच करने में आसानी तो होती है, लेकिन परजीवी का रूप काफी विग्रह हुआ होता हैै, जिसके कारण विभिन्न प्रजातियों की पहचान करने में काफी कठनाइयों का सामना करना पड़ता हैं।
MP Test से पूर्व
एमपी टेस्ट करने के लिए रक्त की कुछ बूंदो की आवश्कयता होती है। इस टेस्ट के पहले बहुत ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत नहीं है। अगर आप किसी भी प्रकार की दवा, सप्लीमेंट, या हर्बल चीजों का उपयोग कर रहे हैं, तो जांच करवाने से पहले अपने डॉक्टर को इसकी जानकारी जरूर दें, ताकि वह परिस्थितियों का आकलन सही से कर सके और आपको सही उपचार दे सके।
एमपी टेस्ट की जांच (MP Test Procedure)
कोई भी ईमारी होने पर सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। अगर आप बीमारी से ज्यादा गंभीर हैं, तो डॉक्टर के बताए हुए सलाह पर ही जांच करवाएं।
आमतौर पर डॉक्टर ब्लड टेस्ट और X-ray करवाने की सलाह देता है लेकिन मलेरिया की जांच के लिए ब्लड टेस्ट ही सबसे सटीक विकल्प होता है जिसमें सूक्ष्मदर्शी का प्रयोगकर व्यक्ति के खून में मलेरिया के परजीवी के होने की पुष्टि की जाती है।
सूक्ष्मदर्शी परीक्षण
MP Test (एमपी जाँच / मलेरिया परीक्षण) के बाद
इस प्रक्रिया के दौरान आपके शरीर में थोड़ा दर्द महसूस होता है। यह दर्द कुछ समय तक ही रहता है। थोड़े समय के बाद दर्द कम हो जाता है, सैंपल निकल जाने के बाद आपको रक्त निकलने वाले स्थान पर रुई या बैंडेज रखना/लगाना पड़ता है।
मलेरिया टेस्ट (एमपी टेस्ट) के परिणाम
एमपी टेस्ट के परिणाम यदि पॉजिटिव है तो इसका मतलब आप मलेरिया से पीड़ित हैं। इसके विपरीत यदि एमपी टेस्ट के परिणाम निगेटिव हैं तो इसका मतलब आप मलेरिया से ग्रसित नहीं हैं।
कई बार परिणाम सही नही आ पते तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपको दोबारा एमपी टेस्ट करवाने की सलाह दे सकता है।
मलेरिया से बचाव
इस बीमारी को रोकने के लिए सबसे आसान तरीका है, मच्छर के काटने से खुद का बचाव करना।
इसके आलावा मलेरिया से बचाव हेतु निम्नलिखित उपाय है –
- रात के समय घर से बाहर कम निकले क्योंकि रात को मच्छर बहुत ही अधिक सक्रिय हो जाते हैं।
- मच्छरदानी लगा के घर में हमेशा सोना चाहिए।
- ऐसे कपड़ा पहनना चाहिए, जो हमारे शरीर के अधिकांश भाग को ढँक कर रखे।
- अपने आसपास के वातावरण को साफ रखना चाहिए ताकि मच्छर न पनप सके।
- कपड़ा हमेशा धुल के पहनना चाहिए, अगर आप गंदे कपड़े पहनते हैं तो मच्छर आपके संपर्क में आते हैं।
मलेरिया का घरेलू उपचार
आयुर्वेदिक ग्रंथों में मुखर निदान और उपचार पर विस्तार से चर्चा की गई है, आधुनिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में मलेरिया के उपचार में – आंवला, नीम और शिकाकाई का उपयोग किया जाता है।
इसके अलावा मलेरिया से पीड़ित रोगी को हल्का/पथ्य भोजन करना चाहिए। खाने में हरी सब्जियां और शाम को दूध में हल्दी मिलाकर पीना लाभदायी होता है।
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