भारत में सामान्यतः 6 ऋतुएँ होती हैं जिसमें बसंत एक मुख्य ऋतु है। इसे ऋतुओं का राजा भी कहा जाता है।
बसंत ऋतु अपने मनमोहक रंग, सुहावने तापमान, और नई शुरुआत के आकर्षण के साथ आती है। इसके आते ही मानो पूरी प्रकृति प्रसन्न हो जाती है और चारों ओर अपना सौंदर्य बिखेरने लगती है। लोग इस समय बागों, उद्यानों और तालाबों में घूमने जाते हैं और बच्चे पतंग उड़ने में व्यस्त रहते हैं।
आइए, इस मौसम की खासियत, महत्व और इससे जुड़े त्योहारों के बारे में विस्तार से जानें।
वसंत ऋतु का आगमन
भारत में वसंत ऋतु आमतौर पर फरवरी से मार्च के बीच आती है। यह सर्दी के अंत और गर्मी की शुरुआत का बेहतरीन संतुलन लेकर आती है। इस समय वातावरण में शीतलता का अनुभव होता है, नीलकंठ दिखाई देने लगते हैं और आम के पेड़ में गौर लगने लगते हैं। इस समय फूल खिलने लगते हैं, पौधे हरे-भरे होने लगते हैं और बर्फ थोड़ी-थोड़ी पिघलने लगती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत वर्ष के अंत और प्रारंभ में होता है यह माघ महीने की शुक्ल पंचमी से शुरू होता है और फागुन के आखिरी दिनों में समाप्त हो जाता है।
भारतीय साहित्य और कला में बसंत को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है, भारतीय संगीत में एक विशेष राग बसंत के नाम पर बनाया गया है जिसे बसंत राग कहते हैं। वसंत के आते ही लोग घरों में सायं काल से रात्रि के पहले प्रहर तक बसंत राग गाकर आनंद लेते हैं।
यह मौसम लोगों के दिल में खुशियाँ और उमंग लाता है, क्योंकि यह त्योहारों और शादियों का मौसम है। हमारे देश का एक मुख्य त्योहार होली है जो बसंत ऋतु में मार्च के महीने में मनाया जाता है, इस समय न केवल लोग होली के रंग में डूब जाते हैं बल्कि धरा भी सरसों और अरहर के पीले फूलों से हरी भरी दिखाई देने लगती है।
पौराणिक कथाएं
पौराणिक कथाओं में बसंत को कामदेव का पुत्र माना गया है कवि देव बसंत ऋतु का वर्णन करते हुए कहते हैं कि प्रेम और सौन्दर्य के देवता कामदेव के घर पुत्र प्राप्ति का समाचार पाते ही संपूर्ण प्रकृति खुशियों से झूम उठती है और स्वयं के सौंदर्य को सजा लेती है।
बसंत ऋतु में कई प्रमुख और प्रसिद्द त्यौहार जैसे बसंत पंचमी, शिवरात्रि और होली इत्यादि बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाये जाते हैं।
विशेषताएं
वसंत मतलब – “फूलों का गुच्छा” (A bunch of flowers)। इस प्रकार से यदि माने तो बसंत ऋतु का मतलब “फूलों और खुशिओं” का समय हैं। इसकी प्रमुख विशेषताएं निम्न हैं:
- फूलों का खिलना: विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे फूल खिल उठते हैं, जो प्रकृति की सुंदरता को और बढ़ा देते हैं।
- समान दिन-रात: इस समय दिन और रात समान होते हैं।
- सुहावना मौसम: न ज्यादा ठंड, न ज्यादा गर्मी। मौसम बेहद सुहाना हो जाता है।
- पशुओं का चहकना: पक्षियों का चहकना और जानवरों की वंशवृद्धि गतिविधियाँ बढ़ जाती हैं।
- आम के पेड़ों पर बौर: आम के पेड़ों पर बौर लगने लगते हैं, जो गर्मी में रसीले आम बनने की उम्मीद जगाते हैं।
महत्व
वसंत का मौसम प्रेम, आशा, नवजीवन, और विकास का प्रतीक है। यह सुहावने मौसम, फूलों की बहार, और प्रकृति के पुनर्जन्म के लिए जाना जाता है। यह प्रकृति को उसकी नींद से जगाता है और उसे फिर से सक्रिय बनाता है, जिससे धरा पर नया जीवन आता है। किसानों के लिए वसंत ऋतु विशेष महत्व रखती है क्योंकि इस मौसम में उनकी फसलें पककर तैयार होती हैं।
यह मौसम अपने साथ खुशियां और उल्लास लेकर आता है। वसंत का मौसम युवाओं, प्रेम और आशा का प्रतिनिधित्व करता है। यह कई गतिविधियों के लिए एकदम सही मौसम है, इस समय शादी-विवाह के कार्यक्रमों से घरों में धूम मची रहती है।
रंगों से भरा यह मौसम त्योहारों, उत्सवों, और प्रकृति के चमत्कारों का आनंद लेने के लिए सर्वश्रेष्ठ है। वसंत के आगमन से चारों ओर खुशियां और उल्लास छा जाता है, यही कारण है कि इसे ‘ऋतुओं का राजा’ कहा जाता है।
वसंत ऋतु से जुड़े त्यौहार
वसंत ऋतु कई खुशियों भरे त्योहार लेकर आती है:
- होली: रंगों का त्योहार, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। लोग रंगों से खेलते हैं, मिठाइयाँ बांटते हैं, और होलिका दहन करते हैं।
- बैसाखी: पंजाब का मुख्य त्योहार, जो फसल की कटाई और नव वर्ष का प्रतीक है। लोग गुरुद्वारों में जाते हैं, भांगड़ा और गिद्दा करते हैं, और लंगर का आयोजन करते हैं।
- पोंगल: दक्षिण भारत का त्योहार, जो सूर्य देव को धन्यवाद देने और फसल की कटाई का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। लोग घरों को सजाते हैं, पोंगल बनाते हैं, और बैलों को सजाते हैं।
- बिहु: असम का त्योहार, जो नव वर्ष का प्रतीक है। लोग पारंपरिक वेशभूषा पहनते हैं, नृत्य करते हैं, और ढोल-नगाड़े बजाते हैं।
- गुड फ्राइडे: ईसाई धर्म का त्योहार, जो यीशु मसीह के क्रूस पर चढ़ने का स्मरण करता है। लोग चर्च जाते हैं, उपवास करते हैं, और प्रार्थना करते हैं।
- राम नवमी: हिंदू धर्म का त्योहार, जो भगवान राम के जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। लोग मंदिरों में जाते हैं, रामलीला का आयोजन करते हैं, और भंडारा करते हैं।
- हनुमान जयंती: हिंदू धर्म का त्योहार, जो भगवान हनुमान के जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। लोग हनुमान मंदिरों में जाते हैं, हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, और भंडारा करते हैं।
वसंत ऋतु और मानव स्वास्थ्य
इस मौसम का मानव के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मौसम का संतुलित तापमान हमें कई बीमारियों से बचाता है। प्रकृति की सुंदरता हमारे मन को आनंद से भर देती है।
सम्बंधित प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: वसंत ऋतु को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
वसंत ऋतु को अंग्रेजी में Spring Season कहते हैं।
प्रश्न 2: हर साल वसंत ऋतु कब आती है?
बसंत ऋतु (Vasant Ritu) सर्दी और गर्मी के बीच आती है। यह ठिठुरती हुई सर्दियों को भगाकर गर्मियों की शुरुआत करती है। वसंत ऋतु भले ही थोड़े समय के लिए आती है, लेकिन इसे सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है।
प्रश्न 3: वसंत ऋतु क्या दर्शाती है?
वसंत ऋतु जीवन, प्रेम, आशा, यौवन और विकास का प्रतिनिधित्व करती है। यह विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का मौसम है।
प्रश्न 4: बसंत के मौसम में कौन सी विटामिन से भरपूर सब्जियां उगती हैं?
यह साल का वह समय होता है जब विविध विटामिन युक्त सब्जियां खेतों में चारो तरफ दिखाई देती हैं। उदाहरण के लिए जैसे – शतावरी, पत्ता गोभी (Kale) और मटर इत्यादि।
प्रश्न 5: किसानों के लिए वसंत क्यों महत्वपूर्ण है?
किसानों के लिए वसंत महत्वपूर्ण है क्योंकि लंबे इंतजार और कई महीनों के कठिन परिश्रम के बाद फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है। रबी फसलें कृषि फसलें हैं जो सर्दियों में बोई जाती हैं और वसंत ऋतु में काटी जाती हैं।
प्रश्न 6: वसंत ऋतु में कौन-कौन से त्यौहार मनाये जाते हैं?
वसंत के मौसम में, कई प्रसिद्द और बड़े त्यौहार मनाये जाते हैं जैसे – होली, बैसाखी, पोंगल, बिहु, गुड फ्राइडे, राम नवमी, हनुमान जयंती इत्यादि।
प्रश्न 7: वसंत ऋतु पर निबंध (Essay / Nibandh) कैसे लिखें?
वसंत ऋतु पर निबंध लिखने के लिए आप इस लेख का उपयोग करे सकते हैं। इसे आप बसंत ऋतु पर लिखा गया निबंध मान सकते हैं क्योंकि इस लेख में हमारे विशेषज्ञ द्वारा वसंत ऋतु का समुचित वर्णन किया गया है।