सूर्यमुखी (Sunflowers) अपनी विशाल, चमकदार पीली पंखुड़ियों और सूर्य को ट्रैक करने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। यह फूल दुनिया भर में खाद्य तेल के स्रोत, खाने योग्य बीजों और सजावटी फूलों के लिए उपयोग किया जाता है।
यह फूल कई रंगों में मिलता है लेकिन पीले रंग वाला सूर्यमुखी देखने में बहुत खूबसूरत होता है। सूरजमुखी की विशेषता यह है कि यह फूल सूरज उगने के बाद सूर्य की ओर मुड़ता है और सूर्य अस्त होने के साथ मुरझाने लगता है। इस प्रक्रिया को हेलियोट्रोपिज्म कहा जाता है।
सूरजमुखी पौधे (Sunflower Plant) की लंबाई लगभग 6 से 10 फुट होती है। इसका तना एक डंठल की तरह होता है लेकिन पत्तियां खुरदूरी होती हैं। पौधे के बीच में एक स्थुल केंद्र होता है। फूल के चारो ओर गोलाई में पीले रंग के पत्ते निकले होते है एवं बीच में काले रंग का कोको (बीज) होता है।
उत्पत्ति और इतिहास
सूर्यमुखी का वैज्ञानिक नाम हेलिनथस अनस (Helianthus annuus) है और यह एस्टरेसी (Asteraceae) परिवार के समूह का सदस्य है। ऐसा माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति लगभग 3000 ईसा पूर्व उत्तरी अमेरिका में हुई थी। सर्वप्रथम अमेरिकी मूल आदिवासियों ने सूर्यमुखी को भोजन, तेल, औषधि और फाइबर के स्रोत के रूप में उपयोग किया।
16वीं शताब्दी में खोजकर्ताओं के द्वारा सूर्यमुखी के बीज यूरोप पहुंचाए गए, जहां वे जल्दी ही लोकप्रिय हो गए और इनका उपयोग सजावट और व्यावसायिक फसल के रूप में किया जाने लगा। अब इसकी खेती भारत के साथ-साथ दुनिया के कई अन्य देशों में भी की जाती हैं।
सूर्यमुखी के प्रकार
विभिन्न ऊंचाई, फूलों के रंग और बीजों के संभावित उपयोगों के आधार पर सूर्यमुखी कई प्रकार होते हैं जैसे –
- विशाल सूर्यमुखी (Giant sunflowers): ये 12 फीट या उससे अधिक लंबे हो सकते हैं, इनके फूल और बीज बड़े होते। इनके रंग भी बांकी सूरजमुखी से थोड़े अलग होते हैं। अब तक का सबसे लंबा सूरजमुखी 30 फीट (9 मीटर) से अधिक लंबा दर्ज किया गया है!
- बहु-शाखाओं वाले सूर्यमुखी (Multi-branching sunflowers): इनमे एक पौधे पर कई छोटे-छूटे फूल लगे होते हैं।
- बौने सूर्यमुखी (Dwarf sunflowers): इनका आकर मीडियम होता हैं ये कंटेनर बागवानी के लिए ठीक होते हैं।
- रंगीन सूर्यमुखी (Colored sunflowers): इनमें पीले रंग के अलावा लाल, नारंगी, या बरगंडी रंग की पंखुड़ियाँ होती हैं।
सूर्यमुखी के उपयोग
- फूल: सूरजमुखी फूल का उपयोग क्रीम, सनलोशन व दवाइयाँ बनाने के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके फूल से खाने के फ्लेवर भी बनाए जाते है। इसके अलावा लोग सूरजमुखी के फूलों का प्रयोग घरों, शादियों में सजावट के लिए भी करते हैं।
- सूरजमुखी के तेल (Sunflower oil): सूरजमुखी के बीजों से निकाला गया तेल एक बहुमुखी पाक तेल है जिसका उपयोग खाना पकाने और सलाद ड्रेसिंग के लिए किया जाता है।
- सूरजमुखी के बीज (Sunflower Seeds): ये आहार में पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत हैं और इन्हें अक्सर नाश्ते के रूप में खाया जाता है।
- डंठल और पत्ते: सूरजमुखी के डंठल और पत्ते पशुओं के लिए चारा प्रदान करते हैं।
सूर्यमुखी उगाने की विधि
- सूर्यमुखी गर्म मौसम की फसल है और भरपूर धूप वाले स्थानों में अच्छी तरह से पनपते हैं। इन फूलों को पूर्ण सूर्य की आवश्यकता होती है, इसलिए उन्हें ऐसी जगह लगाएं जहाँ उन्हें कम से कम 6 घंटे सूरज की रोशनी मिले।
- रोपण का सबसे अच्छा समय वसंत ऋतु में अंतिम पाले के बाद होता है। जब वसंत का मौसम आ जाए और तापमान 55°F (13°C) से ऊपर हो, तो बीज बोने के लिए तैयार करें।
- मिट्टी को 6 इंच तक खोदकर ढीला करें और इसमें खाद डालें। यदि मिट्टी अम्लीय है, तो चूना मिलाकर पीएच 6.0-6.8 के बीच लाएँ।
- बीजों को 2-3 इंच गहरा और 6-8 इंच की दूरी पर बोएं। प्रत्येक बीज के ऊपर मिट्टी ढकें और पानी दें।
- सूरजमुखी के पौधे सूखा-सहिष्णु होते हैं, लेकिन पौधे लग जाने के बाद इनमें समय – समय पर पानी दें, खासकर जब वे छोटे हों और खरपतवारों को नियमित रूप से हटाते रहें। यदि आवश्यक हो, तो तने को गिरने से बचाने के लिए लकड़ी की टिक्की का सहारा दें।
- जब फूल पूरी तरह से खिल जाएं और पंखुड़ियां झड़ने लगें, तो बीजों की कटाई करें। बीजों को सूखने दें और फिर उन्हें भंडारण के लिए एक ठंडी, सूखी जगह पर रखें।
दिलचस्प तथ्य
- जब सूर्यमुखी छोटे होते हैं, तो उनके फूलों के सिरे दिन भर सूर्य को ट्रैक करते हैं, जो एक प्रक्रिया है जिसे हेलियोट्रोपिज्म के रूप में जाना जाता है।
- सूरजमुखी के एक फूल में हजारों स्वादिष्ट और पौष्टिक बीज हो सकते हैं।
- सूरजमुखी अक्सर खुशी, आशावाद और प्रेम का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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