छाती में गैस के लक्षण: खान-पान का तरीका और बदलती लाइफस्टाइल ने, लोगों के स्वास्थय जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। आजकल लोगों में गैस (Acidity) बनने की समस्या आम हो गयी है।
सीने या छाती में गैस (Chest Pain in Gas) बनने का मुख्य कारण अपच है। जब आप ज्यादा तेल, मसाले युक्त गरिष्ट भोजन ले लेते हैं या खाने के बाद संतुलित नींद नहीं ले पाते तो कई बार खाना ठीक से पच नहीं पाता और गैस बन जाती है जिस कारण सीने में दर्द होने लगता है।
हार्ट अटैक और गैस के दर्द में कई समानताएं होती हैं, इसलिए कई बार लोग हार्ट अटैक के दर्द को गैस का दर्द समझकर लापरवाही बरतते हैं। यह जानना आवश्यक है कि सीने में दर्द की असली वजह क्या है। लोग अक्सर यह सवाल पूछते हैं: गैस का दर्द कहाँ-कहाँ होता है? और गैस के दर्द के लक्षण हार्ट-अटैक के दर्द से किस प्रकार भिन्न हैं?
इस लेख में हम छाती में गैस के लक्षण, गैस के कारण सीने में दर्द से बचने के उपायों के बारे में जानकारी देंगे।
गैस का दर्द कहाँ होता है?
गैस के कारण अक्सर पेट में ही दर्द होता है लेकिन कई बार यह दर्द सीने या छाती के दायीं या बायीं (राइट साइड या लेफ्ट सेड) तरफ भी महसूस होता है।
यह दर्द कुछ समय में अपने आप ठीक हो जाता है किन्तु यदि यह बार-बार छाती के बायीं (लेफ्ट साइड) तरफ होता और लम्बे समय तक रहता है अथवा सीने के साथ, फेफड़े या कमर में दर्द हो रहा है तो आपको तुरंत चिकित्सक का परामर्श लेना चाहिए क्योंकि यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
छाती में गैस के लक्षण
- सीने में जलन या दर्द
- पेट में भारीपन
- डकार आना
- पेट फूलना
- खट्टी डकार
- जी मिचलाना
- उल्टी
गैस और हार्ट अटैक: लक्षणों में अंतर
गैस और हार्ट अटैक, दोनों ही सीने में दर्द का कारण बन सकते हैं। यह जानना महत्वपूर्ण है कि दर्द की वजह क्या है ताकि आप सही उपचार प्राप्त कर सकें।
यहां कुछ मुख्य अंतर दिए गए हैं:
लक्षण | गैस | हार्ट अटैक |
---|---|---|
स्थान | गैस का दर्द आमतौर पर सीने के बीच में होता है। | हार्ट अटैक का दर्द सीने के बाईं ओर होता है। |
तीव्रता | हल्का दर्द होता है। घबराहट और बेचैनी भी होगी। | दर्द तेज और जकड़न वाला होता है। घबराहट, बेचैनी क साथ तेज पसीना भी आएगा। |
अवधि | दर्द कुछ मिनटों तक रहता है। | हार्ट अटैक का दर्द लगातार रहता है। |
प्रसार | गैस का दर्द सीने तक सीमित रहता है। | हार्ट अटैक का दर्द बांह, कंधे, गर्दन और जबड़े तक फैल सकता है। |
खट्टी डकार | अपच रहेगी और खट्टी डकार आएगी। | खट्टी डकार नहीं आएगी। |
सीने में भारीपन | गैस निकलने पर आराम मिलेगा। गैस दुर्गन्ध वाली रहेगी। | गैस निकलने पर दर्द में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। |
ब्लड प्रेशर | नहीं बढ़ेगा। | बढ़ा रहेगा। |
Reference: Cleverland Clinic and Mayo Clinic
हालांकि, पुरुषों और महिलाओं में दिल के दौरे अलग-अलग तरह से प्रकट होते हैं:
- पुरुषों की तुलना में महिलाओं को सांस की तकलीफ, मतली या उल्टी और पीठ या जबड़े में दर्द होने की संभावना अधिक होती है।
- उन्हें हाथ में दर्द होने की संभावना भी कम होती है।
नोट: यह जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के लिए है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। यदि आपको सीने में दर्द है, तो डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।
छाती में गैस दर्द के कारण
खासकर जो लोग नियमित व्यायाम नहीं करते और खाना खाकर तुरंत ही लेट या बैठ जाते हैं, वो लोग गैस की समस्या से ज्यादा पीड़ित रहतें हैं। गैस दर्द के कुछ सामान्य कारण निम्नलिखित हैं:
- खराब खाना खाना: मसालेदार, तले हुए भोजन, और वसायुक्त भोजन गैस का कारण बन सकते हैं।
- अपर्याप्त नींद: स्लीप फाउंडेशन के अनुशार, अगर आप ठीक से नहीं सोते तो नींद पूरी न होने की वजह से भी सीने में दर्द हो सकता है। नींद शरीर को स्वस्थ रखने और एनर्जी रिस्टोर के लिए महत्वपूर्ण है। यह हृदय प्रणाली के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि नींद की कमी रक्तचाप की समस्या पैदा कर सकती है और हृदय रोग, हृदयाघात, मधुमेह और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकती है।
- खाद्य पदार्थों की एलर्जी: दूध, अंडे, सोया, और ग्लूटेन जैसे कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी गैस का कारण बन सकती है। ग्लूटेन संदूषण आँतों में सूजन पैदा कर पाचन शक्ति को लम्बे समय तक ख़राब रख सकता है। इस बीमारी में रोगी को ठीक होने में लगभग 5- 6 महीने का समय लगता है ।
- अधिक मात्रा में चीनी युक्त एल्कोहल का सेवन: शराब और कार्बोनेटेड पेय पदार्थ गैस का कारण बन सकते हैं।
- दवाइयों का साइड इफ़ेक्ट: कुछ दवाएं, जैसे कि एंटीबायोटिक्स, गैस का कारण बन सकती हैं। गंभीर वार्ड में भर्ती मरीज या जिनका आपरेशन हुआ है उन्हें कम समय में अलग-अलग दवाइयां दी जाती है। इन दवाओं के साइड इफ़ेक्ट के कारण कई बार तीव्र गैस बन जाती है और मरीज की जान तक चली जाती है ।
- विषाक्त या दूषित भोजन: विषाक्त या दूषित भोजन खा लेने से फ़ूड पोईजनिंग (Food Poisoning) हो जाती है। फ़ूड पोईजनिंग प्रायः दूषित भोजन में मिले बैक्टीरिया, वयरसेस और पारासाइट्स के कारण होती है। इसमें अचानक से ही गैस बन जाती है और पेट या सीने/छाती में तेज दर्द होने लगता है।
- गुर्दे / किडनी की पथरी या इन्फेक्सन: गुर्दे में पथरी या इन्फेक्सन गैस और दर्द का कारण बन सकता है। इसमें कमर दर्द भी हो सकता है। यदि गुर्दे / किडनी में पथरी है तो उसका तुरंत उपचार करवाना चाहिए क्योंकि न केवल यह अपच, गैस और दर्द पैदा करती है बल्कि किडनी में बार-बार इन्फेक्सन भी बढाती है जिससे किडनियां ख़राब हो जाती है।
- पित्ताशय की थैली / गालब्लडर में पथरी या इन्फेक्सन: पित्ताशय की थैली में पथरी या इन्फेक्सन गैस और दर्द का कारण बन सकता है।
छाती में गैस के लक्षण होने पर कौन सी जांच करवानी पड़ती है
प्रारंभिक अवस्था, में गैस के कारण सीने / छाती में होने वाले दर्द को ढूंढ पाना डाक्टर के लिए मुश्किल होता है। इसलिए डाक्टर ECG करवातें है कि कही हार्ट में तो कोई समस्या नहीं है।
इसके आलावा सीने में दर्द के मूल कारण को जानने के लिए डाक्टर निम्न जाँच भी करवा सकतें हैं –
- खून की जाँच – यह देखने के लिए कि कहीं इन्फेक्सन तो नही
- इंडोस्कोपी
- मल या मूत्र की जाँच
- एक्सरे
- अल्ट्रासाउंड या अन्य जरूरी जाँच
बचाव
- पर्याप्त नींद ले।
- पानी खूब पीएं।
- तनाव कम करें।
- फाइबर युक्त भोजन खाएं।
- रात के खाने के बाद देर से न सोएं।
- गैर-कार्बोनेटेड तरल पदार्थों का सेवन करें
- धीरे-धीरे और अच्छी तरह से चबाकर खाना खाएं।
- यदि संभव हो तो नियमित व्यायाम करें। सुबह-सुबह उठकर कम से कम 2-3 किलो मीटर पैदल चलें। स्वथ्य रहने के लिए शारीरिक गतिविधियाँ अनिवार्य हैं। ये आपके शरीर में रक्त-परिसंचरण को बढाती हैं और पाचन क्रिया को दुरुस्त कर जहरीली गैस को शरीर से बाहर निकालती है।
घरेलू उपाय
छाती में गैस के लक्षण दिखने पर आप घर में ही इसका घरेलू उपाय कर सकते हैं। गैस रोग लोगो को बहुत ही परेशान कर देता है, इसमें गैस रोगी का मूड दिनभर खराब रहता है।
आप अपने खाने-पीने की चीजों में – सिरका, पपीता, सरसों के बीज और छांछ इत्यादि को शामिल कर छाती में गैस के दर्द को बाय-बाय बोल सकते हैं।
- सिरका: थोड़े से सिरके को पानी में मिलाकर पीने से यह सीने में गैस को बाहर भगा देता है।
- अदरक: अदरक या पुदीने की गुनगुनी चाय का सेवन पेट के लिए फायदेमंद होता है, यह कब्ज को तो ख़त्म ही करता है साथ ही साथ गले और फेफड़े के मामूली संक्रमण को भी दूर करता है।
- गुनगुना पानी: सीने में गैस के लक्षण दिखने पर आप गुनगुना पानी पी सकतें हैं, गुनगुना पानी कब्ज दूर कर गैस को बनने से रोकता है। सुबह उठते ही एक ग्लास पानी पीने से यह पेट की गंदगी को भी दूर करता है।
- पपीता: पपीता हाई-फाइबर युक्त फल है, यह पेट में अधिक तेल मसाले को बैलेंस कर पेट में कब्ज बनने से रोकता है जिससे छाती में गैस बनना कम हो जाती है।
- सरसों के बीज: यह हाजमें को दुरुस्त कर सीने / छाती में गैस को दूर भगाता है। यदि सरसों के बीज का सब्जी बनाते समय तड़का लगा दिया जाये तो यह खाने का स्वाद भी बढ़ा देता है।
- नींबू: नींबू रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर, पाचन क्रिया को ठीक रखने में सहायता करता है। पाचन क्रिया जब ठीक से कार्य करती है तो गैस नही बनती। नीबू का नियमित सेवन करते रहने पर आप पाएंगे की आपके छाती में गैस वाला दर्द अपने आप ही कम होने लगेगा।
इन चीजों से परहेज रखें
यदि आपके सीने या छाती में गैस के लक्षण लम्बे समय से बने हैं और आप गैस की समस्या से निजात पाना चाहतें हैं तो – बाजार में मिलने वाले कार्बोनेट युक्त पेय जैसे – कोकाकोला, पेप्सी, मोमेंटम, थमसब, एप्पी इत्यादि जैसे पदार्थों से जितनी जल्दी हो सके सन्यास ले लें अथवा ये आपको विकट परेशानी में डाल देंगे।
अगर दर्द दूर न हो डॉक्टर से इलाज करवाएं
गैस के कारण छाती में दर्द का इलाज करने के लिए डाक्टर पहले गैस बनने के मूल कारण को दूर करता है। यदि गैस किसी विकार के कारण बन रही है तो पहले वह उस विकार को दूर करता है, उदहारण के लिए –
- फ़ूड पॉइज़निंग के कारण होने वाले गैस दर्द का इलाज अक्सर एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। संक्रमण की गंभीरता के आधार पर, आपको अस्पताल में भर्ती भी किया जा सकता है।
- गुर्दे की पथरी (गलस्टोन) अथवा किडनी की पथरी के कारण होने वाले दर्द को रोकने के लिए पथरी को हटाया जाना जरूरी होता है। डाक्टर कई बार कुछ दवाइयां देकर पथरी को गलाने का प्रयाश करते हैं और यदि इससे भी मरीज को राहत नही मिलती तो आपरेशन कर पथरी या गालब्लडर को बाहर निकल दिया जाता है।
- इसी तरह, छाती के इन्फेक्सन के लक्षण दिखने पर एक अलग चिकित्सीय तकनीकी से मरीज का उपचार किया जाता है।
निष्कर्ष
गैस की समस्या का मुख कारण है, कम शारीरिक गतिविधि और भारी भोजन, आज कल की दिनचर्या और कार्यशैली ने लोगों को गैस का रोगी बना दिया है।
भोजन करके तुरंत लेट जाने या देर तक बैठ कर काम करने वाले लोग अक्सर अनजाने में गैस की बीमारी को न्योता देते है। गैस छाती, पेट या कहीं की हो इसे बनने से रोकने के लिए आप हमेशा भोजन करने के बाद 100 कदम टहलें और टेंसन से अपने को दूर रखें।
इस लेख में हमने आपको छाती में गैस के लक्षण, कारण, और इससे बचने के उपाय इत्यादि की जानकारी दी, यदि आपको यह लेख पसंद आया हो तो आप अपने दोस्तों और परिवारजनों को यह लेख जरूर शेयर करें।