संचार कौशल को समझने से पहले, संचार (Communication) के शाब्दिक अर्थ को समझना आवश्यक है।
संचार एक अभ्यास को संदर्भित करता है जहां एक से अधिक व्यक्ति एक दूसरे के साथ अपने विचारों का आदान-प्रदान करते हैं और या अपने विचारों को किसी अन्य व्यक्ति, समूह या संगठन तक पहुंचाते हैं।
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आइए संचार कौशल (Communication skills in Hindi) और इसके सभी प्रकारों (Types) के बारे में चर्चा करें।
संचार कौशल | Communication skills
संचार कौशल विचारों का आदान-प्रदान करने और अपने विचारों को किसी अन्य व्यक्ति तक बेहतर तरीके से पहुंचाने की एक कला है। संचार कौशल के माध्यम से अन्य व्यक्तियों को प्रभावित किया जा सकता है।
Communication skills (संचार कौशल) को एक प्रभावी प्रक्रिया भी माना जा सकता है जो व्यक्ति के ‘व्यक्तित्व निर्माण’ की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करता है।
यह व्यक्ति की विचारधारा, व्यक्तित्व और गुणों को दिखाने का कार्य करता है।
संचार कौशल की परिभाषा | Definition of Communication Skills
एडगर डेल (Edgar Dale) के अनुशार – “संचार का अर्थ है सूचनाओं और विचारों का आपस में आदान-प्रदान।”
वारेन एंड वेवर (Warren and Waver) के अनुशार – “यह एक ऐसी क्रिया का तंत्र है जिसके द्वारा एक मन दूसरे मन को प्रभावित करता है।”
संचार कौशल के प्रकार | Types of communication skills
संचार कौशल 5 प्रकार के होते हैं –
- मौखिक संवाद (Verbal communication)
- गैर-मौखिक या अनकहा संचार (Non-verbal communication)
- दृश्य संचार (Visual communication)
- सुनना (Listening)
- लिखित संचार (Written communication)
आइए संचार कौशल के सभी प्रकारों (Types of communication skills in Hindi) के बारे में और अधिक जानते हैं –
1. मौखिक संचार (Verbal communication)
मौखिक संचार तब होता है जब हम बोलकर दूसरों के साथ बातचीत करते हैं। संचार का यह तरीका सीधे (आमने-सामने) या परोक्ष रूप से किया जा सकता है जैसे – फोन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, रेडियो या टेलीविजन इत्यादि पर।
मौखिक संचार को आगे दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है –
- औपचारिक (formal): जब हम कार्यालय की मीटिंग में बातचीत करते हैं
- अनौपचारिक (informal): जब हम किसी मित्र के साथ पार्क या घर पर परिवार के साथ संचार (बातचीत) कर रहे हों।
2. गैर-मौखिक संचार (Non-verbal communication)
गैर-मौखिक संचार में चेहरे की अभिव्यक्ति, मुद्रा, उंगली से इशारा करना, नजरों का संपर्क, हांथों की गति, शिर हिलाना और स्पर्श आदि शामिल हैं।
Non-verbal communication (गैर-मौखिक संचार) महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ‘सूचना प्राप्त करने वाले के ध्यान स्तर’ के बारे में अधिक सटीक विवरण देता है जैसे कि – बातचीत के दौरान श्रोता कितना गंभीर हैं, गंभीर हैं भी या नहीं इत्यादि।

उदाहरण के लिए – देश में अचानक मंहगाई बढ़ जाने के कारण आप कंपनी के बॉस से अपनी वेतन बढ़ाने के लिए कह रहे हैं। आपकी जरूरतों को सुनने के बाद, आपका बॉस बात करते समय अपनी मौखिक सहमति दिखा सकता है भले ही उसे आपकी वेतनवृद्धि में कोई दिलचस्पी न हो।
इस मामले में वह आपको गैर-मौखिक संचार (Non-verbal communication) के माध्यम से अलग-अलग संकेत देगा जैसे – आँख न मिलाकर बात करना, भौंहें सकेलना, आहें भरना, चेहरा खुजाना आदि।
यदि वह इन संकेतों को दिखाता है तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि आपका बॉस इस विषय को लेकर गंभीर नहीं है और हो सकता है कि आपको अपने वेतन में वृद्धि न मिले।
3. लिखित संचार | Written communication
लिखित संचार (Written communication), मौखिक संचार (Verbal communication) के बाद, दूसरा सबसे अधिक प्रभावशाली संचार के तरीकों में से एक है।
सभी आधिकारिक संचार जैसे – एक विभाग से दूसरे विभाग में सूचना का प्रवाह, एक संगठन से दूसरे में और एक दूतावास से दूसरे में सूचना का प्रसारण लिखित प्रारूप में किया जाता है।
भले ही, कोई निर्णय या एक्शन मौखिक संचार का परिणाम हो, इसे (मौखिक संचार को) हमेशा कार्यान्वयन (अमल में लाने) से पहले लिखित संचार के रूप में परिवर्तित किया जाता है।

लिखित संचार में संचार देने के विभिन्न तरीके होते हैं, उदाहरण के लिए – ईमेल, नोटिस, पत्र, रिपोर्ट, रिमाइंडर, मेमो, वेबसाइट लेख, फेसबुक पोस्ट, व्हाट्सएप चैट, ब्लॉग पोस्ट या ट्वीट आदि।
Written communication (लिखित संचार) आपके कौशल के स्तर का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
खराब तरीके से लिखा गया पत्र अक्सर भ्रम पैदा करता है और शर्मिंदगी का कारण बनता है। लिखित संचार के दौरान याद रखने वाली दो महत्वपूर्ण बातें निम्नलिखित हैं –
- अच्छा लिखें: प्रीमियम शब्द डालें, व्याकरण संबंधी गलतियों से बचें, वाक्य का लेआउट ठीक से बनाएं, लापरवाही पूर्वक की गई त्रुटियों से बचें क्योंकि इन सभी में आपकी छवि को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित करने की उच्च क्षमता है।
- अपने उद्देश्यों को पूरा करें: सुनिश्चित करें कि संदेश का मुख्य भाग या सामग्री संचार के उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम और विषय-वस्तु के प्रासंगिक है
4. श्रवण संचार | Listening
सुनने का कार्य आज के समय में ‘संचार के अत्यधिक मांग’ वाले तरीकों में से एक है क्योंकि अगर हम किसी व्यक्ति को नहीं सुन सकते, तो हम उसके साथ प्रभावी ढंग से बातचीत भी नहीं कर सकते हैं।
सुनने का अच्छा कौशल न होना भी लोगों के बीच अपनी मजबूत छाप बनाने के लिए बुरा है। एक अच्छा श्रोता अपने जीवन की और दूसरों की भी कई समस्याओं को हल कर सकता है।
उदाहरण के लिए –
भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे सिंधु जल संधि – 1960 विवाद (The Indus waters Treaty -1960) में दोनों देशों के बीच लगभग 10 लाख पत्रों (लिखित संचार) का आदान-प्रदान किया जा चुका है, लेकिन विवाद अभी भी अपने चरम पर है क्योंकि प्रत्येक वार्षिक बैठक में जब दोनों देशों के अधिकारी मिलते हैं तो वे एक-दूसरे के दृष्टिकोण को नहीं सुनते हैं।

चूंकि, यह विवाद कुछ क्षेत्रों में पेयजल के प्रवाह (पीने वाले पानी की आपूर्ति) को बाधित कर रहा है, इसलिए एक अच्छी वार्ता (सुनने-समझने के क्षमता) की कमी के कारण लाखों लोगों को परेशानी हो रही है।
एक अच्छा श्रवण संचार स्थापित किए बिना आप अधिकांश विवादों या समस्याओं को प्रभावी ढंग से हल नहीं कर सकते हैं और इसी तरह आप निष्पक्ष संचार कौशल के बिना बातचीत में भी कठिनाई का अनुभव कर सकते हैं।
4. दृश्य संचार | Visual Communication
दिन-रात चलने वाली फिल्मों, धारावाहिकों, वेब श्रृंखलाओं, टेलीविजन और समाचारों के बारे में जरा सोंचिये। वे सभी अपने उद्देश्यों को दृश्य संचार (Visual Communication) के माध्यम से बहुत ही चतुराई से पूरा करते हैं।
प्रदर्शन विज्ञापन (Display ads – advertisings) दृश्य संचार के बेहतरीन उदाहरण हैं। सोशल मीडिया पर हम जो तस्वीरें पोस्ट करते हैं, प्राचीन मूर्तियां ये सभी कुछ न कुछ संदेश देती हैं।
मान लीजिए कि आप किसी पार्क में घूम रहे हैं इसी बीच आपके पैरों के पास एक कोबरा (जहरीला सांप) आ गया है जो आपको काटने के लिए तैयार है। इस मामले में, आपकी आंखें सांप को देखने के बाद आपके मस्तिष्क को एक आंतरिक संदेश (internal message) देगी।

आँखों से कोबरा को देखने के बाद मष्तिष्क को सूचना प्रसारित करने की यह घटना दृश्य संचार / visual communication (संचार कौशल में से एक) का एक उदाहरण है।
अब आप समझ सकते हैं कि जीवन में दृश्य संचार (Visual communication) कितना महत्वपूर्ण है।
संचार कौशल का उदाहरण | Examples
क्या आप ये सोंच रहे कि उदाहरण के साथ सभी कम्युनिकेशन स्किल्स को कैसे याद रखें (How to remember communication skills in Hindi with example)? कृपया नीचे ध्यान दें –
जब एक शिक्षक कक्षा में छात्रों को पढ़ाता है, तो वह सभी प्रकार के संचार कौशलों का उपयोग करता है, आइए एक उदाहरण से समझते हैं –
- एक शिक्षक व्याख्यान देता है – मौखिक संचार
- ब्लैक बोर्ड पर कुछ लिखता है – लिखित संचार
- आपको प्रोजेक्टर/स्क्रीन पर ‘मैकेंज़ी नदी’ (कनाडा की सबसे लंबी नदी) का नक्शा दिखाता है – दृश्य संचार
- जब कोई छात्र प्रश्न पूछता है और शिक्षक उस प्रश्न को सुनता है – संचार सुनना
- जब एक शिक्षक शोर करने वाले छात्र पर भौंहें चढ़ाता है – गैर मौखिक संचार
संचार कौशल की विशेषताएं | Characteristics
इसकी विशेषताएं (Characteristics of Communication Skills in Hindi) निम्नानुशार हैं –
- संचार कौशल व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारता है और परिपक्वता लाने का काम करता है।
- इसके माध्यम से अन्य लोगों के विचारों, व्यवहार और व्यक्तित्व में परिवर्तन लाया जा सकता है।
- संचार कौशल में भाषाओं की शुद्धता और सुव्यवस्था होना आवश्यक है। इसके अभाव में उचित संचार संभव नहीं है।
- निरंतर अभ्यास से संचार कौशल विकसित किया जा सकता है और संचार की कला में स्थिरता लाई जा सकती है।
- इसके तहत शरीर के अंगों और इंद्रियों के बीच उचित संतुलन बना रहता है। ताकि संचार को प्रभावी बनाया जा सके।
संचार कौशल का महत्व | Importance of Communication Skills
यह व्यक्ति के व्यक्तित्व को इतना प्रभावशाली बना देता है कि उससे मिलने वाला प्रत्येक व्यक्ति उसके विचारों से प्रभावित होकर उसकी नकल करने लगता है।
यह व्यक्ति को भरोसेमंद बनाता है, समाज के साथ तालमेल बिठाने में सक्षम बनाता है और उसे समाज के कल्याण का नेतृत्व करने में भी मदद करता है।
जो लोग संचार के कौशल में अच्छे हैं, उन्हें हर जगह एक महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है और उनके विचारों को प्राथमिकता दी जाती है।
संचार कौशल कैसे विकसित करें? | How to improve Communication Skills
संचार कौशल को बढ़ाने के लिए (to improve Communication Skills) हमेशा जितना हो सके अभ्यास करना चाहिए, क्योंकि आप सभी जानते हैं कि अभ्यास हमेशा व्यक्ति के कौशल को विकसित करने और उन्हें प्रभाव (action) में लाने का काम करता है।
कौशल के विकास (Communication Skills Development) के लिए आपके विचारों में सटीकता और गंभीरता का होना बहुत जरूरी है।
- आत्म विश्वास (Self-confidence): कौशल विकास के लिए यह भी आवश्यक है कि व्यक्ति में आत्मविश्वास हो और उसे अपने ज्ञान पर पूर्ण विश्वास हो।
- अच्छा श्रोता (A good listener): कौशल के विकास के लिए सबसे जरूरी यह है कि आप दूसरों की बातों को ध्यान से सुने, क्योंकि एक अच्छा संचारक वही हो सकता है जो दूसरों के विचारों को गंभीरता से सुनता है और उन पर चर्चा करके और अपने विचार व्यक्त करता है।
- सरल भाषा (Easy Language): संचार स्थापित करते समय सरल भाषा का प्रयोग करें, यदि आवशक न हो तो ज्यादा कठिन या टेक्निकल भाषा का प्रयोग करने से परहेज रखें। ऐसी भाषा का प्रयोग करें जो आपके श्रोता को आसानी से समझ में आ जाये और वो सुनते समय सहजता का अनुभव करें।
- आत्ममुग्ध (Narcissistic) न बने: “आप जो सोचते और समझते हैं केवल वही उचित है और बांकी सब निरर्थक” ऐसा न सोंचे बल्कि दूसरों के विचारों को भी बराबर महत्त्व दें। अपनी बात रखते समय ज्यादा जोर -जबरदस्ती भी न करें।
- आँखों में आँखे डालकर बात करना (Maintaining your eye contact): बातचीत को प्रभावी बनाने के लिए Proper eye contact रखना जरूरी हैं, इससे आपके आत्मविश्वास के बारे में सामने वाले को पता चलता है, लेकिन यह बात भी ध्यान रखें कि बहुत ज्यादा eye contact भी नही बनाकर रखना है कि सामने वाले को लगने लगे कि आप उसे घूर रहे हैं और वह असहज हो जाये।
- आलोचना न करें (Avoid extreme citicism): वार्तालाप के दौरान किसी अन्य व्यक्ति की ज्यादा आलोचना या उसके प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग न करें, इससे आपके व्यक्तित्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
- शरीर की गति (Body language): भाषा कौशल (कम्यूनिकेशन स्किल) में बॉडी लैंग्वेज का बहुत महत्त्व होता है, बात करने के दौरान आप अपने शरीर की मूवमेंट को नियंत्रित रखें और यह ध्यान रखें की आप अनावश्यक रूप से अपने शरीर को ज्यादा हिला-डुला नहीं रहें हैं।
इसके अतिरिक्त संचार कौशल के विकास के लिए एक अच्छा दार्शनिक होना भी बहुत महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष | Conclusion of Communication skills in Hindi
वर्तमान समय में एक प्रभावी पहचान बनाने के लिए जरूरी है कि व्यक्ति में अपनी बात दूसरों तक बेहतर तरीके से पहुंचाने की एक कला हो।
संचार कौशल वह तरीका है जिसके द्वारा एक व्यक्ति अपनी स्मृति को दूसरे के दिमाग में प्रवेश कराता है। आज के युग में, प्रत्येक व्यक्ति को अपने अन्दर संचार कौशल विकसित करने की महती आवश्यकता है।
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