एलोवेरा घर के बाहर या कई जगहों पर अपने आप ही उग आता है, लेकिन बहुत ही कम लोगों को इसके फायदों के बारे में पता होता है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि त्वचा रोगों को दूर करने के लिए एलोवेरा सबसे व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले हर्बल रेमेडीज में से एक हैं, क्योंकि इस पौधे के जेल जैसे घटक त्वचा की कई छोटी-मोटी बीमारियों को ठीक कर देते हैं।
सनबर्न से डैमेज हुई त्वचा को ठीक करना हो या चेहरे को खूबसूरत बनाना हो, कई बार आपके डाक्टर जो क्रीम लगाने के लिए आपको कहतें हैं, उनमें एलोवेरा होता है।
हार्टबर्न से राहत, दमकती त्वचा, दुरुस्त पाचन और रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने से लेकर कैंसर के प्रसार को रोकने तक, शोधकर्ता इस पौधे के लाभों के बारे में और अधिक जानने के लिए अध्ययन कर रहे हैं।
एलोवेरा: एक चमत्कारी पौधा
एलोवेरा, जिसे घृतकुमारी या ग्वारपाठा के नाम से भी जाना जाता है, एक रसीले पौधे की प्रजाति है जो सदियों से अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता रहा है।
प्राचीनकाल से ही एलोवेरा का उपयोग एक औषधि के रूप में किया जा रहा है, इसकी पत्तियों में एक जेल होता है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है।
इसका आधिकारिक नाम एलोवेरा बारबेंसिस मिलर है। यह मूल रूप से गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों जैसे – उत्तरी अफ्रीका, दक्षिणी यूरोप और कैनरी द्वीप समूह में पायी जाने वाली वनस्पति है।
एलोवेरा के 10 अद्भुत उपयोग
वैसे तो एलोवेरा के कई फायदें हैं लेकिन इस लेख में हम उन 10 अद्भुत उपयोग/फायदों के बारे में बताएँगे जो रोजमर्रा की जिंदगी में आपको कई फायदे पहुंचा सकते हैं –
1. त्वचा की देखभाल, झुर्रियां, कालापन, और पिम्पल्स के लिए
यूं तो कहते हैं कि चेहरे क्रीम, पाऊडर से नहीं बल्कि काबिलियत से चमकते हैं, लेकिन फिर भी यदि आप लम्बे समय से त्वचा की समस्याओं जैसे – चेहरे पर झुर्रियां, कालापन, और पिम्पल्स आदि से परेशान हैं तो आप एलोवेरा या इससे बने उत्पाद लगाकर भी अपने चेहरे की चमक बढ़ा सकते हैं।
एलोवेरा जेल एक प्राकृतिक क्लीन्ज़र और मॉइस्चराइज़र है इसमें 96% पानी होता है जो त्वचा को गहराई से साफ करता है और उसे हाइड्रेटेड रखता है। इसमें मौजूद जटिल कार्बोहाइड्रेट त्वचा को नरम और चिकना बनाने में मदद करते हैं। इसके आलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो झुर्रियों को कम करते हैं और मुँहासे, जलन और सूजन को शांत करते हैं।
यदि त्वचा पर छोटी-मोटी खरोच, कट्स या सनबर्न है तो एलोवेरा जेल लगाकर आप इसे जल्दी ठीक कर सकतें है। यह सोरायसिस, और एक्जिमा जैसी स्थितियों के लिए भी फायदेमंद है।
एलोवेरा के सबसे प्रमुख फायदों में से एक फायदा ये है कि यह आपके चेहरे के ग्लो को बढ़ा कर आपको एक दमकती त्वचा दे सकता है, जिससे आप अधिक जवां औरे खिले हुए दिखेगें।
2. पाचन से सम्बंधित विकार, कब्ज, अपच, पेट फूलने और पेट दर्द के लिए
एलोवेरा पाचन तंत्र के लिए अनेक फायदों से भरपूर है। यह कब्ज, अपच, पेट फूलने और पेट दर्द जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पेट की सूजन को कम करते हैं और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
इसमें पाए जाने वाले विभिन्न एंजाइम जैसे – एमाइलेज, लाइपेस और सेल्युलेज पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाते हैं और पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं।
मेयो क्लिनिक के अनुशार एलोवेरा का इस्तेमाल कब्ज से राहत पाने के लिए किया जा सकता है, लेकिन बहुत कम मात्रा में। किन्तु यदि आपको क्रोहन रोग, कोलाइटिस या बवासीर है तो आपको इसका का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह पेट में ऐंठन और दस्त का कारण बन सकता है।
यदि आप अन्य दवाएं ले रहे हैं तो आपको एलोवेरा का सेवन बंद कर देना चाहिए। यह आपके शरीर की दवाओं को अवशोषित करने की क्षमता को कम कर सकता है।
3. रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए
एलोवेरा में विटामिन ए, सी, और ई साथ ही कुछ खनिज भी होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं। विटामिन ए श्वसन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है, विटामिन सी संक्रमण से लड़ने में मदद करता है, और विटामिन ई कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है।
इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट, मुक्त कणों (free radicals) से होने वाले नुकसान से आपकी कोशिकाओं की रक्षा करते हैं। मुक्त कण आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करते हैं और बीमारियों के प्रति संवेदनशील बनाते हैं।
ऐसमानन एलोवेरा जेल में पाया जाने वाला एक प्रकार का पॉलीसेकेराइड (बहु-शर्करा) है। ऐसमानन में एंटीवायरल और इम्यून-स्टिमुलेटिंग (रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले) गुण होते हैं जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। इसके अलावा एलोवेरा पाचन तंत्र को दुरुस्त कर आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करता है, ये पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
4. मसूड़ों की सूजन, दांतों पर पीली परत और मुंह के छालों के लिए
एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो मुंह के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
रुई के फाहे पर थोड़ा एलोवेरा जेल लगाकर मुंह के छालों पर रखने से तुरंत आराम मिलता है। इसके आलावा एलोवेरा के पौधें में प्राकृतिक रूप से विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाई जाती है जो, पट्टिका (दांतों पर हानिकारक परत) को बनने से रोकती है। यदि आपके मसूढ़ों से खून बह रहा है या सूज गया है तो उसमें भी यह राहत प्रदान करता है।
इथियोपियन जर्नल ऑफ हेल्थ साइंसेज में प्रकाशित 2014 के एक अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने पाया कि एलोवेरा का अर्क रासायनिक-आधारित माउथवॉश का एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है।
5. रूसी, बालों को मजबूत और चमकदार बनाने के लिए
एलोवेरा जेल एक नेचुरल कंडीशनर है जो बालों को हाइड्रेट कर चमकदार बनाता है, इसमें मौजूद केराटिन नाम का प्रोटीन बालों को मजबूत बनाने और टूटना कम करने में मदद करते हैं। हेल्थलाइन के एक लेख के अनुशार एलोवेरा जेल में मौजूद विटामिन ए, सी और ई बालों को प्राकृतिक रूप से पोषण देकर बढ़ने में सहायता करते हैं।
इसमें विटामिन बी12 और फोलिक एसिड भी मौजूद होते हैं। ये दोनों घटक रूसी को कम कर आपके बालों को झड़ने से बचा सकते हैं। बालों पर एलोवेरा के नियमित उपयोग से बाल मजबूत और स्वस्थ हो सकते हैं।
मैं खुद कई महीनों से अपने बालों पर एलोवेरा जेल लगा रही हूँ और मैंने ये महसूस किया है कि जेल लगाने के बाद मेरे बाल काले और चमक़दार दिखतें हैं और इसमें अब डैंड्रफ भी नहीं हैं।
6. वजन घटाने के लिए
एलोवेरा में भूख को कम करने वाले गुण होते हैं, जिसके कारण यह आपको ओवर ईटिंग से बचाता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर चयापचय (मेटाबोलिज्म) को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे कैलोरी अधिक तेज़ी से जलती है।
एलोवेरा शरीर में, खासकर पेट के आसपास, वसा को कम करता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार – एक अध्ययन में, चूहों को उच्च वसा (हाई फैट) वाले आहार में सूखे एलोवेरा का पाउडर मिला कर 90 दिनों तक देने से यह पाया गया कि एलोवेरा ने कैलोरी बर्न में वृद्धि करके चूहों के शरीर में जमे फैट को कम कर दिया।
अगर एलोवेरा का सही ढंग से उपयोग किया जाये तो यह शरीर के वजन को घटाने में मदद करता है लेकिन यह वजन घटाने का स्थायी उपाय नहीं है।
7. हार्टबर्न और छाती में गैस के लिए
गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) एक पाचन विकार है जिसके कारण अक्सर हार्ट बर्न और छाती में गैस की समस्या हो जाती है। यह तब होता है जब पेट का एसिड और भोजन वापस अन्नप्रणाली में चले जाते हैं, जिससे जलन और दर्द होता है।
2010 की एक समीक्षा के अनुसार, भोजन के समय 1 से 3 औंस एलोवेरा का जूस पीने से जीईआरडी की गंभीरता कम हो सकती है। एलोवेरा में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पेट की सूजन को कम करते हैं, जो एसिड रिफ्लक्स को कम करने में मदद करते हैं।
इसके अलावा, एलोवेरा में मौजूद एंजाइम पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं, जिससे पेट में गैस और सूजन कम होती है। यह पेट के उन विकारों को दूर करता जो हार्ट बर्न और सीने में गैस बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
8. मधुमेह के लिए
एलोवेरा आंतों में ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करता है और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता है, जिससे शरीर रक्त शर्करा के स्तर को बेहतर तरीके से नियंत्रित कर पाता है, जो मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है।
2014 में फाइटोमेडिसिन: इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फाइटोथेरेपी एंड फाइटोफार्मेसी में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि प्रतिदिन दो बड़े चम्मच एलोवेरा जूस पीने से टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों में रक्त शर्करा का स्तर लगभग 12.5% तक कम हो सकता है।
2015 में फाइटोथेरेपी रिसर्च में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन ने इन परिणामों की पुष्टि की।
मधुमेह वाले लोग, जो ग्लूकोज कम करने वाली दवाइयां ले रहे हैं, उन्हें एलोवेरा का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। ये दोनों एक साथ लेने से आपके शरीर में “लो ग्लूकोज लेवल” जैसी गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यदि आप मधुमेह की दवाएं ले रहे हैं, तो एलोवेरा जूस का सेवन शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
9. स्तन कैंसर के लिए
हालिया अध्ययनों से पता चला है कि एलोवेरा में मौजूद एलो इमोडिन नामक यौगिक स्तन कैंसर के विकास को धीमा करने में मदद कर सकता है। इस यौगिक का एंटी-ट्यूमर प्रभाव कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने और स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में सक्षम है।
जैसा की इस लेख में ऊपर बताया गया है एलोवेरा प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाता है, जो कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एलोवेरा स्तन कैंसर का इलाज नहीं है। यह केवल एक सहायक उपचार है जो पारंपरिक चिकित्सा के साथ-साथ इस्तेमाल किया जा सकता है।
10. घुटने की सूजन और दर्द के लिए
एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो घुटने के जोड़ों में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। सूजन, दर्द और जकड़न का एक प्रमुख कारण है। इसके एनाल्जेसिक खूबियां घुटने के दर्द से राहत दिलातीं हैं।
आपके पीठ या घुटने में दर्द मांसपेशियों, टेंडन या लिगामेंट में खिंचाव या जकड़न के कारण भी हो सकता है, एलोवेरा में मौजूद ग्लूकोसामिन और चोंड्रोइटिन सल्फेट जैसे यौगिक जोड़ों को चिकनाई देते हैं, जिससे जकड़न कम हो जाती है।
यह रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, जो घुटने के जोड़ों को पोषक तत्व और ऑक्सीजन संचार करता है। एलोवेरा जेल को सीधे लगाने से यह घुटनों के साथ-साथ पीठ को भी स्वस्थ्य रखता है।
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एलोवेरा का उपयोग करने के तरीके
- आप एलोवेरा के पत्तों से सीधे जेल निकाल सकते हैं और इसे चेहरे, त्वचा, या बालों पर लगा सकते हैं।
- पत्तों से सीधा जूस निकालकर इसे पानी में मिलाकर पी भी सकते हैं।
- बाजार में एलोवेरा जेल, रस, पाउडर और कैप्सूल के रूप में भी उपलब्ध है। किसी विशेष प्रोडक्ट को कैसे उपयोग करना है उस पर लिखे “सेवन विधि” को पढ़कर आप उसी अनुसार प्रयोग कर सकते हैं।
उपयोग करते समय कुछ सावधानियां
- ध्यान रखें कि एलोवेरा सबके लिए अच्छा नहीं होता, कुछ लोगों को इससे से एलर्जी होती है, जिससे त्वचा पर लालिमा, खुजली, या सूजन हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप जेल का उपयोग करने से पहले इसे अपनी त्वचा पर थोड़ी मात्रा में लगाकर एलर्जी की जांच कर लें।
- गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को एलोवेरा का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- एलोवेरा जूस का उपयोग करते समय उचित मात्रा का ध्यान रखें, अत्यधिक सेवन से दस्त, पेट में दर्द या ऐंठन हो सकता है। यदि आपको कोई गंभीर पाचन समस्या है, तो एलोवेरा जूस का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य रूप से लें।
- लीवर, किडनी या दमें के गंभीर रोगी एलोवेरा का जूस, पाउडर या कैप्सूल लेने से पहले अपने चिकित्सक का परामर्श अनिवार्य रूप से लें, क्योंकि इन परिस्थियों में एलोवेरा आपको नुकसान पहुंचा सकता है।