आज के भाग दौड़ की जिंदगी में हाथ- पैर शरीर व सीने का दर्द आम चर्चा का विषय बन चुका है। सीने के दर्द को नजर अंदाज करना गंभीर समस्या का कारण बन सकता है।
सर्दी जुखाम के दिनों में यह परेशानी आम होती है, लेकिन सर्दी के दिनों के आलावा भी अन्य कारण हो सकते है । साथ ही यह भी देखा गया ज्यादातर मामलों में लोगों को इनके कारण भी पता नहीं होते हैं।
एम्स के जाने माने डाक्टर के. एम. नाधीर के जानकारी के मुताबिक यह बात स्पष्ट हुई है कि – सीने के दर्द कई तरह के हो सकते है । ये दर्द हल्के से लेकर काफी तेज चुभन वाला तक हो सकता है।
यह दर्द सीने के साथ – साथ गर्दन, पेट, अंतड़ियों, नसों, यहाँ तक की ब्रेन और जबड़ों तक भी पहुंच जाता है।
छाती का दर्द गैस से भी सम्बंधित हो सकता है, लेकिन इसे नजर अंदाज करना भारी पड़ सकता है।
हालाँकि, इसे अति गंभीरता से ले कर विचलित नहीं हो जाना चाहिए, क्योकि ज्यादा हायपर टेंसन होने से भी सीने का दर्द हो सकता है।
अनुचित खान-पान और अधिक चिंता ही शरीर में अनेक रोगों की जड़ है। सीने का दर्द ह्रदय संबंधी बीमारी से भी हो सकता है। किसी भी मामले में इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
सीने में दर्द के ऐसे लक्षणों को कभी चाह कर भी ना करें नजर अंदाज
यदि सीने के दर्द के साथ-साथ आपको ये लक्षण भी दिखें तो कृपया तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें –
- छाती में किसी भी प्रकार का चुभन या खिंचाव का अनुभव
- छाती में हल्का या काफी भारीपन होना
- बेचैनी, व घबराहट
- नार्मल तापमान पर भी तेज पसीना आना व चक्कर आने जैसा लगना व कमजोरी महसूस होना
- दर्द छाती से शुरू होकर कंधे से लेकर गर्दन और हाथ तक फैलने लगे
- अचानक मुह का स्वाद बिगड़ना व कोई चीज खाने या पीने समय गले में निगलने में परेशानी होना
क्यों होता है सीने में दर्द? क्या हो सकते है इसके मुख्य कारण ?
सीने में दर्द का मुख्य कारण –
- गैस
- एसिडिटी
- ह्रदय सम्बन्धी विकार
- अत्यधिक चिंता
- ज्यादा भाग दौड़
- भारी भरकम चीजो को उठाने से
- धुम्रपान व किसी चोट के लगने से हो सकती है
गैस व एसिडिटी के कारण हो सकता है सीने में दर्द
अक्सर हम घर से ज्यादा शादी, पार्टी, व होटलो में खाना खाते है जो सही नहीं है।
बहुत लोग खाने में अक्सर नमक-तेल और मसालों के कोम्बिनेशन के साथ डिजर्ट में हॉट या कोल्ड ले लेते है जो बिल्कुल गलत है।
सावधानी
- खाना साफ़ सुथरा कम ओइली व हरी सब्जी के साथ फलो का सेवन करना चाहिए।
- भोजन के पश्चात हमें पुराने गुड़ का उपयोग डिजर्ट के रूप में करना चाहिए। पुराने गुड़ के सेवन से हमारा पेट साफ़ रहता है और हमें भरपूर एनर्जी मिलती है। पुराने गुड़ के सेवन से पेट में किसी भी प्रकार की गैस व एसिडिटी नहीं बनती जो हमें कई रोगों से बचाता है।
ह्रदय सम्बन्धी विकार से भी हो सकता है सीने में दर्द
ह्रदय की मांस पेसियो में खून के जमने से रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है जिससे सीने में दर्द हो जाता है।
ऐसा कोलेस्ट्राल की अधिकता से होता है ऐसे में इलाज जल्द करा लेना चाहिए। अन्यथा इसके गंभीर होने में हार्ट अटैक आने की स्थिती बन सकती है।
अत्यधिक चिंता से भी होता है सीने में दर्द
चिंता करते वक्त हम कब अपने वास्तविक जिंदगी से निकल कर दुःख भरी जिंदगी में प्रवेश कर जाते है, हमें पता नहीं चल पाता।
चिंता के समय हम किस स्थिति में लेटे या बैठे है हम यह तक हम भूल जाते है। गलत स्थिति में बैठे या लेटे रहने से कई बार हमारे ह्रदय की गति काफी तेज या धीमी हो जाती है।
ऐसी स्थिती में हमें सीने में दर्द होना शुरू हो जाता है, और धीरे – धीरे हृदयघात में परिवर्तित हो जाता है।
अतः हमें किसी भी प्रकार की सोच या चिंता नहीं करनी चाहिए।
ज्यादा भाग दौड़ के कारण भी हो सकता है सीने में दर्द
भाग दौड़ शब्द से ही काफी संघर्षमयी जीवन और कठिन परिश्रम का अहसास होता है। आज की जिंदगी में यह भाग दौड़ आम है।
हम घर या ऑफिस में काम करते वक्त यह नहीं देखते की हम किस परिस्थिति में कितना वर्क कर रहे है, ऐसी स्थिती में भी हमें भूख-प्यास भी नहीं लगती जिस पर हमें वीकनेश व कमजोरी के साथ साथ पूरे शरीर व सीने में दर्द होने लगता है और हम बीमार पड़ने लगते है ।
भारी भरकम चीज उठाने से भी हो सकता है सीने में दर्द
अचानक से जब हम कभी अपने शरीर की क्षमता से ज्यादा वजन उठा देते है, तो उस वक्त हमारी मांसपेशियां व नसें खिंच जाती है।
नसें खिंच जाने से सीने में असहनीय दर्द होने लगता है जिसका सही समय पर इलाज ना करने पर गंभीर बीमारी का रूप धारण कर लेता है।
और हमारा जीवन कष्टों से घिर जाता है।
धुम्रपान के कारण भी हो सकता है सीने में दर्द
जैसा की आप सभी को पता ही है कि धुम्रपान सेहत के लिए कितना नुकसानदायक होता है।
धूम्रपान कर हम जाने-अनजाने में अपने शरीर में, काफी बीमारियों को न्योता दे देते है, और इससे –
- टीवी
- खांसी
- एसिडिटी
- गैस
- कैंसर आदि गंभीर बीमारिया लग सकती
क्योंकि इससे हमारे फेफड़ो में जो धुँआ जमता है, वह हमें सास लेने में कठिनाइयां पैदा करता है। यदि हो सके तो धुम्रपान से हमें खुद और दूसरो को भी बचाना चाहिए ।
चोट लगने से की वजह से हो जाता है सीने में दर्द
कभी कभी ऐसा भी होता है कि हमें बचपन में कभी किसी से –
- लड़ाई करते वक्त
- बाइक, सायकल चलाते वक्त
- फिसलसे या गिरने से हमें छाती में चोट लग जाती है
इसे हम लापरवाही के कारण छोड़ देते है जो आगे चलकर हमारे जीवन में मुसीबतो का भण्डार पैदा कर देती है।
हमें कभी भी किसी भी छोटी मोटी चोट जो हमारे सीने में लगी हो उसे नजरंदाज नहीं करना चाहिए और समय पर इलाज करवाना चाहिए।