संचार कौशल (Communication skills) क्या है, Sanchar Kaushal प्रकार, विशेषताएं और महत्त्व

संचार कौशल: परिभाषा, प्रकार, महत्त्व और सफलता के लिए गाइड

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संचार कौशल वह क्षमताएं हैं, जिसके माध्यम से एक व्यक्ति अपने विचारों को प्रभावशाली ढंग से दूसरों तक पहुँचा सकता है। अच्छे संचार कौशल का होना निजी और व्यावसायिक दोनों ही क्षेत्रों में किसी भी व्यक्ति की सफलता के लिए एक मूलभूत आवश्यकता है।

इस लेख में हम विभिन्न प्रकार के संचार कौशलों (Communication Skills), उनके महत्व पर प्रकाश डालेंगे और साथ ही यह भी बताएंगे कि आप अपने संचार कौशल को कैसे सुधार सकते हैं।

संचार कौशल क्या है (What is Communication skills)

संचार कौशल विचारों का आदान-प्रदान करने और अपने विचारों को किसी अन्य व्यक्ति तक बेहतर तरीके से पहुंचाने की एक कला है। अच्छा संवाद करके अन्य व्यक्तियों को प्रभावित किया जा सकता है।

संचार कौशल में व्यक्ति की कुशलता का माप होता है जिसमें उसकी भाषा, शैली, वाणी, शरीर की मूवमेंट, और सुनने की क्षमता शामिल होती है।

संचार कौशल व्यक्ति को अधिक प्रभावशाली और सफल बनाता है, चाहे वह व्यक्तिगत जीवन में हो या पेशेवर माध्यमों में।

परिभाषा (Definition)

  • एडगर डेल (Edgar Dale) के अनुशार – “संचार का अर्थ है सूचनाओं और विचारों का आपस में आदान-प्रदान करना।”
  • वारेन एंड वेवर (Warren and Waver) के अनुशार – “यह एक ऐसी क्रिया का तंत्र है जिसके द्वारा एक मन दूसरे मन को प्रभावित करता है।”

संचार कौशल के प्रकार (Types of communication skills)

संचार कौशल 5 प्रकार के होते हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं –

1. मौखिक संचार (Verbal communication)

मौखिक संचार तब होता है जब हम बोलकर दूसरों के साथ बातचीत करते हैं। संचार का यह तरीका सीधे (आमने-सामने) या परोक्ष रूप से किया जा सकता है, उदहारण के लिए जैसे – आमने-सामने की बातचीत, फ़ोन या वीडियो कॉन्फ़्रेंस के द्वारा बातें करना इत्यादि।

वीडियो क्लिप में मौखिक संचार करती हुई लड़की

मौखिक संचार औपचारिक और अनौपचारिक दोनों ही तरह का हो सकता है।

  • औपचारिक (formal): जब हम कार्यालय की मीटिंग में बातचीत करते हैं
  • अनौपचारिक (informal): जब हम किसी मित्र के साथ पार्क या घर पर परिवार के साथ संचार (बातचीत) कर रहे हों।

2. गैर-मौखिक संचार (Non-verbal communication)

अमौखिक संचार वह है जो बिना बोले ही किया जाता है। इसमें हाव भाव, शारीरिक मुद्राएं (body language), चेहरे की अभिव्यक्ति, उँगलियों का इशारा हांथों की गति, शिर हिलाना, स्पर्श और आंखों के इशारे इत्यादि शामिल है।

गैर-मौखिक संचार महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ‘सूचना प्राप्त करने वाले के ध्यान स्तर’ के बारे में अधिक सटीक विवरण देता है जैसे कि – बातचीत के दौरान श्रोता कितना गंभीर हैं, गंभीर हैं भी या नहीं इत्यादि।

Five types of communication skills - non verbal communication
गैर-मौखिक संचार

उदाहरण के लिए – देश में अचानक मंहगाई बढ़ जाने के कारण आप कंपनी के बॉस से अपनी वेतन बढ़ाने के लिए कह रहे हैं। आपकी जरूरतों को सुनने के बाद, आपका बॉस बात करते समय अपनी मौखिक सहमति दिखा सकता है भले ही उसे आपकी वेतनवृद्धि में कोई दिलचस्पी न हो।

इस मामले में वह आपको गैर-मौखिक संचार (Non-verbal communication) के माध्यम से अलग-अलग संकेत देगा जैसे – आँख न मिलाकर बात करना, भौंहें सकेलना, आहें भरना, चेहरा खुजाना आदि। यदि वह इन संकेतों को दिखाता है तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि आपका बॉस इस विषय को लेकर गंभीर नहीं है और हो सकता है कि आपको अपने वेतन में वृद्धि न मिले।

इसके विपरीत यदि बात सुनते समय आपका बोस आपकी ओर बड़े ध्यान से देखता है तो इसका मतलब हो सकता है कि वह आपके लिए गंभीर है और आपकी वेतन बढ़ाने के बारे में सोचेगा।

उपरोक्त दोनों ही परिस्थितियों में आप सामने वाले व्यक्ति की गंभीरता का अनुमान लगा सकतें हैं।

3. लिखित संचार (Written communication)

लिखित संचार, मौखिक संचार के बाद, दूसरा सबसे अधिक प्रभावशाली संचार के तरीकों में से एक है। सभी आधिकारिक संचार जैसे – एक विभाग से दूसरे विभाग में सूचना का प्रवाह, एक संगठन से दूसरे में और एक दूतावास से दूसरे में सूचना का प्रसारण लिखित प्रारूप में किया जाता है।

भले ही कोई निर्णय या एक्शन मौखिक संचार का परिणाम हो, इसे हमेशा कार्यान्वयन (अमल में लाने) से पहले लिखित संचार के रूप में परिवर्तित किया जाता है।

Five types of communication skills - Written communication
फोटो में लिखित संचार के लिए पत्र लिखता हुआ व्यक्ति

लिखित संचार में संचार के विभिन्न तरीके होते हैं, उदाहरण के लिए – ईमेल, नोटिस, पत्र, रिपोर्ट, रिमाइंडर, मेमो, वेबसाइट लेख, फेसबुक पोस्ट, व्हाट्सएप चैट, ब्लॉग पोस्ट या ट्वीट आदि।

लिखित संचार आपके कौशल के स्तर का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खराब तरीके से लिखा गया पत्र अक्सर भ्रम पैदा करता है और शर्मिंदगी का कारण बनता है। लिखित संचार के दौरान याद रखने वाली दो महत्वपूर्ण बातें निम्नलिखित हैं –

  1. अच्छा लिखें: प्रीमियम शब्द डालें, व्याकरण संबंधी गलतियों से बचें, वाक्य का लेआउट ठीक से बनाएं, लापरवाही पूर्वक की गई त्रुटियों से बचें क्योंकि इन सभी में आपकी छवि को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित करने की उच्च क्षमता है।
  2. अपने उद्देश्यों को पूरा करें: औपचारिक या अनौपचारिक पत्र लिखते समय सुनिश्चित करें कि संदेश का मुख्य भाग या सामग्री संचार के उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम और विषय-वस्तु के प्रासंगिक है।

4. श्रवण संचार या सुनना (Listening)

सुनने का कार्य आज के समय में ‘संचार के अत्यधिक मांग‘ वाले तरीकों में से एक है क्योंकि अगर हम किसी व्यक्ति को नहीं सुन सकते, तो हम उसके साथ प्रभावी ढंग से बातचीत भी नहीं कर सकते हैं। प्रभावशाली संचार सिर्फ़ अपनी बात कहने तक सीमित नहीं है, इसमें सामने वाले को ध्यान से सुनना भी शामिल है।

सुनने का अच्छा कौशल न होना भी लोगों के बीच अपनी मजबूत छाप बनाने के लिए बुरा है। एक अच्छा श्रोता अपने जीवन की और दूसरों की भी कई समस्याओं को हल कर सकता है।

उदाहरण के लिए – भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे सिंधु जल संधि विवाद (The Indus Waters Dispute) में दोनों देशों के बीच लगभग 1 लाख पत्रों (लिखित संचार) का आदान-प्रदान किया जा चुका है, लेकिन विवाद अभी भी अपने चरम पर है क्योंकि प्रत्येक वार्षिक बैठक में जब दोनों देशों के अधिकारी मिलते हैं तो वे एक-दूसरे के दृष्टिकोण को ठीक से नहीं सुनते हैं।

Five types of communication skills - Listening communication
दूसरे व्यक्ति की आवाज सुनती हुई महिला

चूंकि, यह विवाद कुछ क्षेत्रों में पेयजल के प्रवाह (पीने वाले पानी की आपूर्ति) को बाधित कर रहा है, इसलिए एक अच्छी वार्ता (सुनने-समझने के क्षमता) की कमी के कारण लाखों लोगों को परेशानी हो रही है।

एक अच्छा श्रवण संचार स्थापित किए बिना आप अधिकांश विवादों या समस्याओं को प्रभावी ढंग से हल नहीं कर सकते हैं और इसी तरह आप निष्पक्ष संचार कौशल के बिना बातचीत में भी कठिनाई का अनुभव कर सकते हैं।

4. दृश्य संचार (Visual Communication)

तसवीरें, विडिओ, और ग्राफ़िक्स आज के युग में संचार के अत्यंत प्रभावशाली साधन हैं। दृश्य साधनों के माध्यम से आप अपनी बात बहुत कम समय में बेहतर तरीके से पहुँचा सकते हैं।

Five types of sanchar kausha
 - Visual communication
कोबरा सांप को देखकर सिसकती महिला

दिन-रात चलने वाली फिल्मों, धारावाहिकों, वेब श्रृंखलाओं, टेलीविजन और समाचारों के बारे में जरा सोंचिये। वे सभी अपने उद्देश्यों को दृश्य संचार के माध्यम से बहुत ही चतुराई से पूरा करते हैं। प्रदर्शन विज्ञापन (Display ads – advertisings) दृश्य संचार के बेहतरीन उदाहरण हैं।

सोशल मीडिया पर हम जो तस्वीरें पोस्ट करते हैं, प्राचीन मूर्तियां ये सभी कुछ न कुछ संदेश देती हैं।

संचार कौशल का उदाहरण (Examples of Communication Skill)

क्या आप ये सोंच रहे कि उदाहरण के साथ सभी कम्युनिकेशन स्किल्स को कैसे याद रखें? कृपया नीचे ध्यान दें –

जब एक शिक्षक कक्षा में छात्रों को पढ़ाता है, तो वह सभी प्रकार के संचार कौशलों का उपयोग करता है, आइए एक उदाहरण से समझते हैं –

संचार कौशलउदाहरण
मौखिक संचारएक शिक्षक व्याख्यान देता है
लिखित संचारशिक्षक ब्लैकबोर्ड पर कुछ लिखता है
दृश्य संचारआपको प्रोजेक्टर/स्क्रीन पर ‘मैकेंज़ी नदी’ (कनाडा की सबसे लंबी नदी) का नक्शा दिखाता है
श्रवण संचारछात्र एक प्रश्न पूछता है और शिक्षक सुनता है
गैर-मौखिक संचारशिक्षक शोर करने वाले छात्र पर भौंहें चढ़ाता है

यह तालिका संचार कौशल के विभिन्न प्रकारों के उदाहरण प्रदान करती है, जिन्हें आप आसानी से समझ सकते हैं।

संचार कौशल की विशेषताएं (Characteristics)

इसकी विशेषताएं निम्नानुशार हैं –

  1. संचार कौशल व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारता है और परिपक्वता लाने का काम करता है।
  2. इसमें विचारों और भावनाओं को स्पष्ट और संक्षिप्त रूप से व्यक्त करने की क्षमता है।
  3. इसके माध्यम से अन्य लोगों के विचारों, व्यवहार और व्यक्तित्व में परिवर्तन लाया जा सकता है।
  4. यह किसी जानकारी को सटीक और त्रुटि मुक्ति तरीके से प्रस्तुत कर ग़लतफ़हमी की संभावना को कम करता है।
  5. अनावश्यक जानकारी को हटाकर संदेश को संक्षिप्त और प्रभावी बनाता है।
  6. संचार कौशल में भाषाओं की शुद्धता और सुव्यवस्था होना आवश्यक है। इसके अभाव में उचित संचार संभव नहीं है।
  7. दर्शकों की आवश्यकताओं और रुचि के अनुसार संदेश को तैयार कर उसकी प्रासंगिकता (Relevancy) बढ़ाता है।
  8. निरंतर अभ्यास से संचार कौशल विकसित किया जा सकता है और संचार की कला में स्थिरता लाई जा सकती है।
  9. इसके तहत शरीर के अंगों और इंद्रियों के बीच उचित संतुलन बना रहता है। ताकि संचार को प्रभावी बनाया जा सके।
  10. अपने विचारों और भावनाओं को आत्मविश्वास से व्यक्त करने की क्षमता का विकास करता है।

संचार कौशल का महत्व (Importance of Communication Skills)

आज के प्रतिस्पर्धा भरे युग में अच्छे संचार कौशल का होना और भी आवश्यक हो गया है। करियर में उन्नति करने के लिए, अच्छे रिश्ते बनाने के लिए, और समाज में एक सकारात्मक छवि बनाने के लिए प्रभावशाली संचार कौशल होना बहुत मददगार साबित होता है।

यह व्यक्ति के व्यक्तित्व को इतना प्रभावशाली बना देता है कि उससे मिलने वाला प्रत्येक व्यक्ति उसके विचारों से प्रभावित होकर उसकी नकल करने लगता है। यह व्यक्ति को भरोसेमंद बनाता है, समाज के साथ तालमेल बिठाने में सक्षम बनाता है और उसे समाज के कल्याण का नेतृत्व करने में भी मदद करता है।

जो लोग संचार के कौशल में अच्छे हैं, उन्हें हर जगह एक महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है और उनके विचारों को प्राथमिकता दी जाती है।

अपने संचार कौशल को कैसे विकसित करें (How to improve Communication Skills)

संचार कौशल को विकसित करने के लिए निम्नलिखित तरीके अनुसरण किए जा सकते हैं:

  1. स्व-विश्वास (Self-Confidence): अपने स्व-विश्वास को बढ़ाने के लिए, अपने ज्ञान और विचारों पर पूरा विश्वास रखें।
  2. सक्रिय सुनना (Active Listening): अच्छे संचारक वे होते हैं जो ध्यान से दूसरों की बातें सुनते हैं और उन्हें समझने का प्रयास करते हैं।
  3. सरल भाषा का प्रयोग (Use of Simple Language): अपने विचारों को स्पष्टता से व्यक्त करने के लिए सरल भाषा का प्रयोग करें, ताकि आपके श्रोता आसानी से समझ सकें।
  4. नर्सिसिज्म से बचें (Avoid Narcissism): अपने विचारों को महत्त्वपूर्ण समझने के साथ ही, दूसरों के विचारों का भी सम्मान करें।
  5. आँखों में आँखें डालकर बात करें (Maintain Eye Contact): संवाद के समय सही रूप से आँखों में आँखें डाल कर बात करें, जिससे कि आपके विचारों को सुनने वाले को आपका ध्यान और विश्वास प्राप्त हो। यह आत्मविश्वास का संकेत देता है। लेकिन यह बात भी ध्यान रखें कि बहुत ज्यादा आई कोंटेक्ट भी नही बनाकर रखना है कि सामने वाले को लगने लगे कि आप उसे घूर रहे हैं और वह असहज हो जाये। महिलाओं से बात करते समय उनके गले से नीचे न देखें
  6. अत्यधिक आलोचना से बचें (Avoid Extreme Criticism): संवाद के दौरान अत्यधिक आलोचना और अभद्र भाषा का प्रयोग न करें, क्योंकि यह आपके व्यक्तित्व को नकारात्मक प्रभावित कर सकता है।
  7. शारीरिक भाषा (Body Language): संवाद के समय अपने शरीर की मूवमेंट को नियंत्रित रखें और यह सुनिश्चित करें कि आप अनावश्यक रूप से अपने शरीर को ज्यादा हिला-डुला नहीं रहें हैं।

इन तरीकों का पालन करके आप अपने संचार कौशलों को सुधार सकते हैं और बेहतर संवाद करने में सक्षम हो सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

अच्छे संचार कौशल हमारी ज़िंदगी के हर पहलु में हमारी सफलता में योगदान करते हैं। समय के साथ और अभ्यास के द्वारा हर कोई अपने संचार कौशल में महारथ हासिल कर सकता है।

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